आज का दिन भी आ गया उसका पता नहीं पर मैं घबराई हुई थी और जब घबराती हूँ दिमाग काम करना शुरू कर देता है…
एक घण्टे का रस्ता है उस से पहले जाकर बैठना है मुझे.. मन में यही सोचा क्योंकि ये न पता चले कौन सी बस से आई हूँ .. क्योंकि यहाँ बसों पर नम्बर होते है और नम्बरों से जगह का पता चल जाता है कि कौन सा एरीया है या कहाँ से आई होगी…
फिर मैंने नीले सलवार कमीज की बजाए ब्लू जीन्स और ऊपर खादी का सफेद कुर्ता डाला .. एक बड़ा नील रंग का दुपट्टा लिया.. फिर याद आया कॉल करेगा तो रिंग टोन से पहचान जाएगा.. इसलिए फोन को साइलेंट पर किया और वाइब्रेशन ऑन कर दी ताकि कॉल का पता रहे.. . और उस से पहले पहुंच गयी…
उसका फोन आया कि तुम पहुंच गयी क्या?
नहीं अभी नहीं.. मुझे थोड़ा टाइम लगेगा तुम पहुँचो..
कितना वक़्त?
यही कोई आधा घण्टा ..तुम पहुंच गए क्या?
जी अंगूरी जी बस पहुंचने वाला हूँ 5 मिनट में, पर बुढ़िया तुम तो जवान लड़कियों की तरह वेट करवा रही हो..
ओके ओके बकवास नहीं बस में सब सुनते हैं.. रखो फोन..
और मैंने फोन काट दिया..
मैं बस स्टॉप पर लगी चेयर्स पर बैठी थी मुँह को हरियाणा में काम करते वक़्त जैसे ढंका जाता है वैसे ढँक लिया मुस्लिम स्टाइल में सिर्फ आँखे नज़र आ रही थी..
बस आती है कई लोग उतरते हैं सब अपने अपने रस्ते हो लेते हैं एक लम्बा सा गेहुएं रंग का सफेद शर्ट ब्लू पेंट गठीला शरीर देख के लगता था स्पोर्ट्स पर्सन है पक्का..
चलो लग रहा था उससे छोटी नहीं हाइट में, खड़ी हो जाऊँ साथ तो उसके कान से थोडा नीचे ही आऊँ.. ऐसे ही सोचने लगी.. फिर मुँह बिचका लिया मैंने लड़का हेंडसम था मगर पतला .. मुझसे पतला मैं ठहरी पहलवान जैसे शरीर की … हाहा हा हा ये सोच मैं जोर से हँस पड़ी खुद ही… अच्छा हुआ उसने सुना नहीं..
हां तो वो लाइन में लड़कियों को देखता रहा कोई नीले कपड़े दिखती उसके करीब जाता पर चुपचाप सरक जाता पीछे.. पीटने का भी तो डर था न .. कैसे बोले किस से पूछे बन्दा परेशान और फोन पर फोन करे कि कोई तो फोन पिक करेगी तो पूछ लूँगा आप वो हो…
मैं आराम से उसकी हालत और एक्टिविटी देखूँ और मज़े लूँ..
एक बस आई लोग चढ़ गए कुछ उतर गए और वो उनमें भी मुझे ढूंढता रहा.. पर अंगूरी न दिखे..
अब शायद उसे शक हुआ कि ये काफी देर से बैठी है ये ही न हो…
और वो मेरे आसपास मंडराने लगा फोन बजाया पर मैं इग्नोर करने लगी और बोलने की हिम्मत उसे हो न डर के मारे..
जी अब लगा ये मुझसे बात करेगा मैंने चुपके से दो टॉफी मुँह में डाली ताकि आवाज़ में थोड़ा बदलाव आये..
वो पास आया..
आप किसी का वेट कर रही हैं क्या?
मैंने दोनों टॉफी एक साइड की और मुँह पर चुन्नी थी ही थोड़ी मोटी आवाज़ में बोली .. जी हाँ वेट कर रही हूँ..
ओह तो आप नेहा जी हैं मैं जितेश..
कौन नेहा? मैं बोली..
अरे आप.. आप ही ने तो कहा की मैं किसी का वेट कर रही हूँ…
सॉरी सर .. मैंने किसी का नहीं ये कहा वेट कर रही हूँ… और मैं मेरी बस का वेट कर रही हूँ.. मेरी कोचिंग फ्रेंड उसी में आती है सब और हम मिल कर जाते हैं आती होगी बस…
ओह सॉरी मेम..
ईट्स ओके..
वैसे आप किसको ढूंढ रहे हो?
जी मेरी दोस्त आने वाली थी और आई नहीं या आके चली गयी पता नहीं..
ओके.. कोई बात नहीं वेट कर लीजिये ट्रैफिक की वजह से देर हो जाती है..
एक बात पूछ सकता हूँ?
हां जी कहिए…
आप मुस्लिम हो?
मन में आया साला यहाँ भी फ़्लर्ट कर रहा है, वो नही आई तो ये सही… हुँह…
जी नहीं मुस्लिम नहीं हूँ पर धूप से एलर्जी है…
ओके…
अच्छा आपने कोई नीले सूट वाली कोई लड़की देखी? आप तो काफी देर से बैठी हो यहाँ…
मैंने सोचने का ड्रामा किया और फिर कहा नहीं तो…
हाँ पर आप जिस बस में आये उसी बस में एक लड़की जरूर चढ़ी थी लम्बी सी थोड़ी हेल्दी थी काफी गोरी और कर्ली बाल थे… नीला कुरता सफेद सलवार और ब्लू डॉट का दुप्पटा था शायद..
मैडम आप श्योर हैं?
हाँ श्योर हूँ .. क्योंकि वो सूट प्यारा सा था तो बार बार नज़र जा रही थी..
क्यों वो ही थी क्या?
पता नहीं?
मतलब आप जानते नहीं उसे?
नहीं मतलब जानता हूँ पर देखने मैं कैसी है पता नहीं… फोन पर ही बात हुईं हैं अब तक … आवाज़ अच्छे से पहचानता हूँ…. पहली बार ही मिल रहे थे हम..
ओह सो सेड..
मैं थोडा और संयत हो कर बोलने लगी ताकि आवाज़ पर ध्यान न जाए..
कोई नही आप वेट कर लीजिये क्या पता वो कोई और हो और वो आती हो…
ह्म्म् जी?
वैसे उसने कहा था आधा घण्टा लेट हो जायेगी…
अच्छा फिर तो हौंसला रखे वो कोई और ही होगी..
जी.. और हल्का सा मुस्कुराया और मेरी आँखों को देखने लगा और फिर मेरी आँखों में ही देखने लगा..
एक बात कहूं..
जी सर कहिए…
आपकी आँखे…
क्या?
कुछ नही?
फिर भी कुछ हुआ क्या आँखों में?
अरे नहीं नहीं आप गुस्सा हो जाएंगी इसलिए नहीं बोला…
ओके..
बोल दूँ..
बोल दो .. कह के मन ही मन बोलूँ फ़्लर्ट बाज़ कमीना…
जी काफी नशीली हैं..
जी होंगी .. सब कहतें हैं..
जी ..
जी…
वैसे आप काम क्या करते हैं…
जी मरीन कमांडो हूँ इंडियन नेवी में हरयाणा से हूँ…
ओह अच्छा .. अच्छी बात है.. और मैंने इग्नोर स्टाइल में मुँह उधर कर लिया और मन ही मन बोली कमीना झूठा भी है मुझे बोलता बैंक में हूँ..
मन में ही हँसी आई कि मैं भी इसकी बुआ हूँ मिल ले मुझसे ले ले पता मेरा जान ले नाम मेरा…
मेरी गुठे तले… जायरोय.. हुँह बने था स्मार्ट ले ले ईब ठोसा…
मन ही मन जाने क्या क्या बोली…
ओके सर मेरी बस आ गयी अच्छा लगा आप से बात करके…
और देख लीजिये इंतज़ार करिये मिल ही जायेगी उम्मीद पर दुनिया टिकी है…
और जैसे ही मैं खड़ी हुई उसने मुझे देखा ..
और जानबूझ कर चुन्नी हटा दी चेहरे से मेरे सारे गीले बाल मुँह पर बिखर गए ….
और वो मुझे गोर से देखता रहा .. मैंने बाल हटाये पकड़े उन्हें रफली लपेटा कर्ली बाल है तो लटें फिर भी हवा के झोंके से उड़ उड़ के आ रहीं थी ….
बस रुकी मैं चढी मुड़ के देखा हाथ हिला के बाय किया..
उसने भी जवाब में बाय किया..
और फोन निकाल नम्बर डायल करने लगा…..
क्रमशः…