मैं बस में बैठी दूर तक उसे देखती रही वो मुझे फोन मिला रहा था पर मैंने उठाया नहीं.. न ही मुझे कोई दुःख हुआ कि उससे मैं बन कर नहीं मिली…
घर पहुंची नहाईं कपड़े बदले और एक कप ब्लैक कॉफी बनाई.. टीवी ओन किया … चैनल चेंज करती रही कुछ अच्छा नहीं लगा तो पी टी सी पंजाबी लगा लिया और लाऊड वोल्यूम पर गाने सुनने लगी..
जब दिल में शोर हो रहा हो तो यही करती हूँ उस शोर को दबाने के लिए कहीं और शोर बढ़ा देती हूँ…
शोर इस बात का कि जब कोई बात नहीं थी, कोई आकर्षण नहीं उसके प्रति, तो क्यों गयी …
अब तो चली गयी, आ गयी.. उसका कई घण्टों फोन नहीं आया….
एक पल को बेचैन हुई आदत जो पड़ गयी थी बकवास सुनने की.. फिर मन में आया भगवान जो करता हैं अच्छा ही करते हैं कि तभी रिंग टोन बज उठी .. उसी की कॉल थी…
हेल्लो.. थोड़े ठंडे स्वर में बोली..
उधर से एक दम मिसाइल छूटने लगी, धोखेबाज़, काला अंगूर , भगवान तुझे माफ़ नहीं करेगा एक कुंवारे बेचारे की हाय लगेगी .. क्या होता मिल लेती तो कल तो जा ही रहा था मोटी भैंस काली अंगूरी…
कितना वेट किया तुम्हारा ये तो अच्छा पीटा नहीं किसी ने तेरे चक्कर में, लड़की छेड़ने के इलज़ाम में जेल में होता, मेरी तो आबरू तार तार हो जाती….
मैं हँसी रोके बैठी और उसी पर चढ़ गयी… बस करो ड्रामा .. पौना घण्टा वेट किया .. लोग घूर घूर कर देख रहे थे कि कबसे खड़ी है, कौन है दो चार तो आँख मार कर चले गए मेरी इतनी बेइज्जती कभी नही हुई.. खबरदार आज के बाद फोन किया तो और रखो फोन…
और वो एक पिल्लै की तरह कू कू करने लगा मतलब नर्म पड़ गया..
यार आया था बस स्टॉप पर वेट किया कितनी देर ..फोन मिलाया तो उठाया नहीं तुमने.. एक लड़की मिली उस से भी बात नहीं की, नहीं तो अब तक उसका नम्बर मेरी जेब में होता मुझसे इम्प्रेस हो गयी थी मुझे ही देख रही थी..
ओह अच्छा.. और मन ही मन बोलूँ फेंकू कहीं का ..
तो क्या करुँ…
अब शायद मुझे जलाने की कोशिश करने लगा…
यार उसने मुँह ढँक रखा था, ब्लू जीन्स, खादी का कुरता अच्छी लम्बी चौड़ी और रंग तो एंग्लो इंडियन सा..
अच्छी बात है कम से कम मेरा पीछा छूटता उधर ही चोंच लड़ानी थी कम से कम मच्छर की तरह न मेरा खून पीते और न ही कान में ये फोन कर कर घू घू करते …
अरे यार सच में मज़ाक नहीं कर रहा उसकी आँखे गजब की नशीली खिंचती थी..,
ओके और कुछ!! बकवास खत्म हो गयी तो रखूँ फोन…
अरे अगर तुम अंगूरी हो वो तो रसगुल्ला थी कसम से आधा गुलाबी आधा सफेद ..
काश उसी का नम्बर मिल जाता पटाखे का पतंग सी कमर वाली हाय बड़ी याद आ रही है उसकी.. गुलाबी होंठ बिखरे उलझे गीले बाल बेतरतीब सी फिर भी खूबसूरत…
ओ हेल्लो तुम्हारा तारीफ़ पुराण खत्म ही गया तो रखूँ… एक तो हॉस्पिटल के सामने खड़ी खड़ी थक गयी और ऊपर से अब तुम्हारी चे चे… चुप करोगे?
जल रही हो अंगूरी डार्लिंग रसगुल्ले से?
पर तुम हॉस्पिटल के सामने क्या कर रही थी….
और गुस्से में बोली ढेड का बीज तेरा इंतज़ार ..दुनिया खून पीती है और तुने मेरा खून खा लिया…
देख दादी प्यारी ये तो नाइंसाफी है तुमने बस स्टॉप पर कहा था…
देखो मैंने पूछा था हॉस्पिटल का पता है? तुमने कहाँ हाँ हल्का सा लेफ्ट टर्न करते ही… मतलब ये था कि उधर ही बुलाया था हॉस्पिटल के अंदर ही जाना था बस स्टॉप पर के तेरी बुआ नाचे थी.. माड़ा सा और आग्गे न सरक लेता दिखे न जाती.. पर चोंच लड़ान त फुर्सत मिले जब न…
ह्म्म्म्म्म्म लम्बा सा हम्म किया और बोला मुझे हरियाणवी नही आती..
और मन्ने या ए आवे है मैं तो बोलूंगी तेरी मर्ज़ी नहीं मेरी चालेगी फोन मेरा स न तो धर दे काट के…. और मुँह पर दुपट्टा रख हँसती रही…
और वो कुछ सेंकेड चुप रहा और फिर बोला क्या हम नहीं मिल सकते दुबारा नेहा…
नहीं ..पेकिंग करने दो कल की ट्रेन है शाम को जीजा जी भी आ रहे हैं और अब फोन न करना प्लीज़ ..
फिर झूठ…
नही झूठ नही कह रही मनदीप देसवाल साहब…
मनदीप देसवाल? ये कौन है..?
तुम और कौन..
कैसे?
भैंस बोलते हो इसका मतलब ये नही की चारा चरती हूँ…
नाम तो कल ही पता चल गया था जब लेंड नम्बर से कॉल की तुमने… उसी नम्बर पर वापिस कॉल की तो ins ………. का नम्बर था उधर के बन्दे ने बताया कि ये कॉल अभी ये नाम का आदमी कर के गया है आपके नम्बर पर…
हे राम !!! बुढ़िया बड़ी चालाक निकली तू…
और मुझे हँसी आ गयी…
अच्छा एक और बात बतानी थी…
अब क्या रह गया बुढ़िया दिल तो तोड़ चुकी… मेरी सी आई डी भी कर ली…
कुछ नहीं एक और झटका देना था…
क्या?
मैं मुस्लिम नही हूँ नेहा हूँ….
हें !!!! एक मिनट एक मिनट ओह्ह ..
मतलब कबूतरी मेरे पास मुझसे बात कर मुझे ही कबूतर बना कर चली गयी…
तुम तो अंगूरी नहीं सच्ची रसगुल्ला हो…
देखो अब ये किस्सा यहीँ खत्म करो… और फोन न करना प्लीज़..
दिल्ली का नम्बर दे दो प्लीज़.. वो गिड़गिड़ाने लगा… कहा न नहीं तो नहीं..
और मैंने फोन काट दिया…
रात भर बजा और फिर स्विच ऑफ कर दिया मैंने….
आगे के दो दिन स्विच ऑफ़ ही रखा और उम्मीद थी कि अब कॉल नहीं आएगी… जिस दिन ये आये उन्हें ये बात बताई कि ऐसे ऐसे कोई मिस कॉल मार के फ्लर्ट करना चाह रहा था .. और अब भी कभी कभी करता है कॉल और कुछ हिस्से भी बता दिए इस किस्से के …
पहले तो अंगुरी देवी सुन हँसे और कुछ उस की बातों पर भी.. फिर थोड़े गुस्सा भी हुए की इतना मुँह क्यों लगाया चुप चाप सुनती रही पर बात याद कर खुद हँसते रहे सारा दिन और मुझे डांटते रहे…
चौथे दिन फोन ओन किया 4 बजे के आसपास कॉल आई उसी का था बजता रहा कई बार पर उठाया नहीं…
और पता नहीं क्या सोचा जब पाँचवी कॉल आई उठा लिया और मरी सी आवाज़ में बोली …कौन?..
हेल्लो.. नेहा!! उधर से वो बोला..
न जी यहाँ तो कोई नेहा नहीं .. किसका नम्बर मिलाया है जी आपने..
जी आप नेहा नहीं हो क्या? आवाज़ और नम्बर तो वो ही लग रहा है… अंगूरी को जानती हैं न आप…
भाई साहब रोंग नबंर लग गया आपसे लगता है जी…
जी 5 दिन बात हुई हैं मेरी उस से..
मुझे लग रहा था कि वो समझ रहा है मैं ही हूँ अन्जान बन रही हूँ…
जी ये नम्बर मेरी छोटी बहन के पास था पर फिर भी आपको गलतफहमी है कि उस से बात हुई क्योंकि ना उसका नाम अंगूरी है और न नेहा और वो तो तीन दिन हुए दिल्ली गयी…
ओह्ह आप उनकी बहन है तभी आवाज़ मिलती जुलती है…
हद्द है भाईसाहब कहा न रोंग नंबर है रखिये फोन… और मैंने फोन काट दिया…
कुछ देर बाद ये भी आ गए..चाय बनाने लगी इनके लिए की फिर कॉल आ गयी..
अब इन्होंने उठाया और मैंने इनको बताया कि ये वो ही रोंग नंबर वाला..
ये बोले. हेल्लो कौन चाहिए…
जी कोई नही लगता है रोंग नंबर लग गया…
फिर ये बोले.. सोच समझ कर लगाया करो यार रोंग नंबर ये असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर का नंबर है आधे घण्टे में जेल में मिलोगे…
और जी उसने ऐसा फोन काटा कि कभी दुबारा नहीं आया फोन…
और बस….. किस्सा खत्म हुआ यहीँ..
पर कुछ चार महीने बाद फिर रोंग नंबर लगाया किसी ने..
हेल्लो..
हेल्लो जी कहिए..
क्या ये मनोज का नंबर है..?
जी नहीं सर रोंग नम्बर लगा दिया आपने…
ओह सॉरी मेम…
जी..
वैसे आप क्या हरियाणा से हो?
क्यों?
जी मैं भी हरियाणा से हूँ रेलवे में हूँ मुम्बई में कबड्डी प्लेयर हूँ..
अक्षय चौधरी नाम है..
तो?
जी कुछ नही यूं ही सोचा हरियाणा वाले मिल जाए पराई जगह तो अच्छा लगता है…
ओके अब रखूँ फोन और जैसे ही रखने लगी .. जी आप क्या करती हो..?
जी जनाब में आदमियों के कबूतर बनाती हूँ… और आपको बनना है तो बता देना पति का नंबर दे देती हूँ और वो भी हरियाणा के ही हैं…
ओके सॉरी कह के बन्दे ने फोन काट दिया….
और ये किस्सा भी यहीँ खत्म…
रोंग नम्बर अब भी कभी कभी आ जाते है वैसे….
Missed call : एक रहस्य भाग – 6