नई दिल्ली. नगरौटा आतंकवादी हमले के मद्देनजर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को कहा कि जो भी किसी चूक के लिए जिम्मेदार होंगे उन्हें इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा.
रक्षा मंत्री ने माना कि सुरक्षा में सुधार की गुंजाइश है क्योंकि पिछले कुछ समय में ‘कुछ सुस्ती’ आ गई है
उन्होंने कहा कि हालिया लक्षित हमले से पाकिस्तानी सुरक्षा प्रतिष्ठान में कुछ ‘अनिश्चितता’ की भावना पैदा हुई है और यह भारत के लिए अच्छा विश्वास पाने का कदम भी था.
पर्रिकर एचटी लीडरशिप समिट को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘सैनिकों को मरते देखना बेहद दुखद है, लेकिन उन्हें बच्चों और परिवारों को बचाना होता है.’
सेना शिविरों की सुरक्षा व्यवस्था पर पर्रिकर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हम निश्चित तौर पर इसमें सुधार कर सकते हैं. संभवत: पिछले कुछ समय में कुछ सुस्ती आई है.’
पर्रिकर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमें लीक से हटकर सोचने की आवश्यकता है. मैं बेहद आश्वस्त हूं कि सेना को इसकी जानकारी है और वह इसपर काम कर रही है.’
जवाबदेही तय करने के उनके जोर देने के बारे में पूछे जाने पर पर्रिकर ने कहा कि अगर वह खुद भी गलती करते हैं तो उन्हें ‘इसकी कीमत चुकानी होगी.’
मंत्री ने कहा, ‘अगर कोई चूक हुई है तो उन्हें उचित तरीके से निपटने की आवश्यकता है. आप चूक वहन नहीं कर सकते.’
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और लक्षित हमले कर सकता है तो पर्रिकर ने कहा ‘अनिश्चितता के सिद्धांत’ को संचालित करने की अनुमति देनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘यह हम सब के लिए लाभदायक होगा.’ उन्होंने कहा कि लक्षित हमलों ने कुछ अनिश्चितता लाई है.
उन्होंने कहा, ‘स्पष्ट तौर पर अनिश्चितता अपने आप में फैसले करने में बाधा लाती है. आप उन्हें कभी नहीं जानेंगे.’
गौरतलब है कि नगरौटा में सेना की इकाई पर आतंकवादियों के हमले में दो अधिकारियों समेत सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे.
सेना की भाषा में शांतिपूर्ण मानी जाने वाली इस पोस्ट पर भीषण मुठभेड़ हुई थी और सेना शिविर में बंधक जैसी स्थिति देखने को मिली थी.