नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहना राव भागवत ने संघ को दुनिया में मानव विकास का एक अनूठा मॉडल बताया है.
भागवत ने कहा कि लोग अपनी इच्छा से संघ में शामिल होने या इसे छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इसे समझने के लिए व्यक्ति को खुले विचार का होना चाहिए.
संगठन की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समझने के लिए प्रयास करना महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समझने के लिए व्यक्ति को खुले विचार का होना चाहिए और उसके भीतर जिज्ञासा होनी चाहिए.
भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को एक लत बताया और कहा कि जो इसके आदि हो जाते हैं, वे कहीं और नहीं जा सकते.
उन्होंने कहा, इसी कारण कुछ लोग इस संगठन में शामिल नहीं हो सकते. कोई भी अपनी इच्छा से इसमें शामिल होने या इसे छोड़ने को स्वतंत्र है.