22 साल पुराने नियम पर अब हुआं-हुआं, MSM के हाथों खेलता सोशल मीडिया

11 मई 1994 को काँग्रेस की सरकार के द्वारा देश के नागरिकों के लिए सोने मतलब हिंदी में गोल्ड रखने की सीमा तय की गयी.

इसके अंतर्गत पुरुष 100 ग्राम, विवाहित महिला 500 ग्राम और अविवाहित महिला को 250 ग्राम सोना मतलब गोल्ड रखने की अनुमति दी गयी थी.

[घोषित आय से खरीदे सोने और विरासत में मिले गहनों पर कोई टैक्स नहीं]

1994 में हम लोग छोटे थे और आज के बहुत से पत्रकारों ने जन्म ही लिया होगा.

इसलिए न तो हमारी पीढ़ी को और ना ही इन नौजवान पत्रकारों की पीढ़ी को इस नियम की जानकारी थी.

[वित्‍त मंत्रालय ने तय की सोना रखने की सीमा, जानिए कौन रख पाएगा कितना गोल्‍ड]

आधी बात को सुनकर पूरी न्यूज़ बनाने की बेकरारी ने फ्री का हंगामा करवा दिया.

सोशल मीडिया अपने को कहता तो बहुत समझदार है पर अपनी गाड़ी की स्टेयरिंग थमा रखी है मेन स्ट्रीम मीडिया (MSM) के हाथों.

वहाँ जैसे ही कोई न्यूज़ आती है बिना पूरी बात पता किये हुआँ-हुआँ शुरू हो जाता है यहाँ.

न्यूज़ चैनलों में भी कॉपी-पेस्ट चलता रहता है. बहुत कम पत्रकार हैं जो रिसर्च करते हैं किसी न्यूज़ पर और हम भी रेडीमेड न्यूज़ पर ही भरोसा करते हैं

जबकि हमारे पास इंटरनेट है और गूगल भी… प्रयास करेंगे तो सारी सूचना मिल जाएगी… पर कौन करे इतनी मेहनत… हमारा काम न्यूज़ जानना तो है नहीं… प्रतिक्रिया देना है.

बस शुरू हो जाते हैं.

कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 में कोई नया प्रावधान नहीं जोड़ा गया है. सिर्फ टैक्स रेट 30 से बढ़ा कर 60 प्रतिशत कर दिया गया है, जो सोना सहित सभी अघोषित सम्पतियों पर लागू होगा.

बात बस इतनी सी है.

नियम तो 22 साल पुराना है पर इस पर ध्यान देने की जरुरत ही नहीं पड़ी पर अब इसकी जरुरत पड़ सकती है क्योंकि नोटबंदी के बाद खूब सोना ख़रीदा गया है और सरकार की नजर उस पर ही है.

आपके पुश्तैनी सोना या कृषि आय से ख़रीदे गए और घोषित आय, घरेलू बचत से ख़रीदे गए सोने पर सरकार ने न कभी टैक्स लिया है, न अब लेने जा रही है.

कुछ लोग चालाकी करने के लिए नोटबंदी के बाद ख़रीदे गए सोने को पुश्तैनी बता सकते हैं तो सरकार उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की और उनकी घोषित संपति की जाँच करेगी…. मतलब मायावती जैसों का बचना मुश्किल होगा.

कुछ ऐसे लोग भी होंगे जिन्होंने पुश्तैनी सोने के गहनों को गला कर सिक्के या ईंटे बनवा ली होंगी…..

यदि उनके पास इसकी रसीद है कि कहाँ गलवाया है, तब तो कोई टैक्स नहीं लगेगा पर रसीद नहीं लिया है तो परेशानी में फसेंगे.

सरकार कब से कह रही है ‘जागो ग्राहक जागो’…. बात नहीं मानी तो अब भुगतो.

एक बात और बता दूँ कि मोदी जी के पास 45 ग्राम सोना है इसलिए वो निश्चिन्त है और मैं भी निश्चिन्त हूँ.

पर कितना ग्राम सोना मेरे पास है तब तक नहीं बताऊँगी, जब तक भाजपा मुझे चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दे देती.

अपनी-अपनी आप लोग जानो.

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