असल में भाजपा की मूल समस्या यह है कि उन्हें शायद KISS नहीं आता, केजरीवाल जी से सीखिये, ट्रम्प महोदय से सीखिये लेकिन सीख लीजिये…. अब नहीं तो कभी नहीं…
यह KISS क्रिया नहीं है बल्कि 1960 में US Navy का डिजाईन का सिद्धांत था, KEEP IT SIMPLE STUPID…
भारत में युगपुरुष जी इसके सबसे शानदार उदाहरण है,
XXXL शर्ट से लेकर मफलर, सैंडल तक…
आपको वाकई लगता है इस IIT इंजीनियर को अपनी शर्ट का साइज नहीं पता?
कॉर्पोरेट Attire की जानकारी नहीं है इनको…
और हाल में देखिये –
नोटबंदी को साढ़े आठ लाख करोड़ का घोटाला बता दिया,
Demonetization जैसे क्लिष्ट विषय को सीधा सिंपल और स्टुपिड करके धूर्तता के साथ परोस दिया….
देखिये जी, उद्योगपतियों को लोन देने को पैसे कम थे,
जनता बैंक में जमा करेगी इस तरह, फिर लोन अमीरों को दिलवाकर माफ़ कर देगी.
देखिये जी…. घोटाला है जी….
इनको write off, waive off का अंतर नहीं पता है? और हाँ, साथ में विजुअल इफ़ेक्ट देने के लिए स्पाइरल बाइन्डेड कुछ सौ पेज…
मायावती के बयान देख लीजिए, सिंपल स्टुपिड, कांग्रेसी तो खैर जूझती कौम है फ़िलहाल सो वो अपनी ही नोच खसोट में अस्त व्यस्त और मस्त हैं….
दूसरे डोनाल्ड ट्रम्प महोदय हैं, अमरीकी राष्ट्रपति के तब उम्मीदवार और अब राष्ट्रपति भी.
पूरी की पूरी इलेक्शन कैंपेन इसी सिद्धान्त पर चली, सिंपल एंड स्टुपिड… आम आदमी के स्तर पर..
आपको वाकई लगता है डोनाल्ड ट्रम्प को अंग्रेजी के भारी-भारी शब्द नहीं आते?
शब्द कौन से इस्तेमाल किये? जो कक्षा 4 – 5 के अमरीकी बच्चे भी समझ जाएँ…
अब हमारे भाजपाई हैं, आज इनकम टैक्स में संशोधन प्रस्ताव आया, हमने भी सोशल मीडिया पर, न्यूज़ चैनल के सोशल मीडिया अकाउंट से देखा और समझने की कोशिश की…
यही लगा… लीजिये साब, सरकार की नयी स्कीम, सीधे पचास प्रतिशत सरकार को दीजिये, 50 आपका ब्लैक से वाइट…
वहीँ पत्रकारिता के मानकों से स्तरहीन लेकिन न्यूज़ चैनल भी जानते हैं KISS….
सिंपल और स्टुपिड हैडलाइन… अब 50 प्रतिशत में कीजिये, काला धन सफ़ेद, सरकार की नयी योजना… प्रस्ताव, बिग ब्रेकिंग…
लेकिन साब आपके यहाँ इतने बड़े लेवल के इंटेलेक्चुअल बैठे हुए हैं…
Demonetization जैसा गंभीर मुद्दा, और अब सोशल मीडिया के दौर में (जब हर कोई ऐरा भी. गैरा भी. नत्थू भी और खैरा भी RBI गवर्नर, रक्षा मंत्री, बनने की काबलियत रखता है और देश की हर नीति में उसका दखल है…), बात सिंपल और स्टुपिड तरीके से नहीं रख सकते थे?
आप इंटेलेक्चुअलिटी झाड़कर निकल लें, और हम जैसे लोग मेहनत करें समझने की और ठेका लें समझाने का और इसको सिंपल स्टुपिड करके समझाएं… तो साब कोई तनख्वाह तो देते नहीं हो..
यही सिंपल स्टुपिड समझ रखने वाले लोग ही वोट देते हैं, तो उनको उसी भाषा में समझाइए, “न्याय करना ही जरुरी नहीं है, यह भी जरुरी है कि लगे लोगों को कि न्याय हो रहा है…”
अब एंजेल प्रिया वगैरह, कूल डूड, जो फोटोशॉप्ड मटेरियल को अपना पार्ट टाइम में शेयर करते हैं वहां क्या संदेश जा रहा है?
यही कि नया बिल सरकार ला रही है, पैसे वालों की काली कमाई सब आधे में सफ़ेद हो जायेगी…
Demonetization का chaos अभी भी ख़त्म नहीं हुआ लेकिन सब इस सब्र में झेल रहे हैं (जो भी हैं) कि चलो हम ठीक है, लेकिन उन सब बेईमानों की कमाई तो मिट्टी में गयी…
अमीर vs गरीब की लड़ाई का परसेप्शन ही जीत दिला सकता है…. इसको थोड़ी सी तैयारी के साथ सिंपल और स्टुपिड रखकर बताया नहीं जा सकता था?
अभी भारत में तीन provision हैं-
1. जनरल पेनाल्टी, जिसमे कोई बदलाव नहीं किया है, जैसा पहले था अब भी वही है.
2. उन लेनदेन के लिए provision, जो आय unexplained है, पहले 30% टैक्स प्लस सरचार्ज था, 100 का 70 बचता, अब ये आय पाई गई तो 85% तक जब्त होगा 100 का बचेगा 15 … (ऑलमोस्ट इक्वल टू बाबाजी का ठुल्लू)
3. उस स्थिति में जब संपत्ति जब्त की गयी तो, पहले 10% – 20% लेती थी लेकिन अब सीधे 30% और 60% लेगी.
4. और ये जो 25% सेस लिया जायेगा वो गरीबों के लिए योजनाओं का पैसा होगा, पहली बार सरकार ने ऐसा किया है कि अमीरों का पैसा जब्त करके गरीबों के लिए योजनाओं में खर्च करेगी… और जेल जाने के, आपराधिक मुक़दमे और कार्यवाई क्या क्या होगी साधारण और संगठित तरीके से…. ये बताने में क्या जा रहा था?
लेकिन नहीं साब… अब हम जैसे रात काली कर-कर के समझने का प्रयास करें, RSTV या LSTV पर जेटली जी की स्पीच ढूंढें जो मिलेगी नहीं.
फिर ढूंढ खंगाल के 50 स्रोतों से पता कीजिये और सच सामने निकालिये, KiSS करिये, सिंपल और स्टुपिड…
तो प्यारे भाजपाई राजनेताओं और नेतृत्व, अगर अपने समर्थकों से इतना काम करवाना है तो हो चुका भाजपा का बेड़ा पार…
हमारा बस राजनीतिक झुकाव भाजपा है, रोज़ी रोटी कुछ और है….
युगपुरुष जी ऐसे ही kiss करते-करते ऐड़ा बन के पेड़ा खाएंगे, लालू जी हम सबको सिंपल स्टुपिड तरीके से डील करके भक बुड़बक जैसे स्तर पर संवाद रखकर हांक ले जायेंगे और आप चलाते रहिये अपनी क्रान्ति…
मुद्दों पर क्या डिफेंसिव ही रहेगी भाजपा, हमेशा बचाव में…?
मेरी तो जो समझ है उस हिसाब से काम कितने भी क्लिष्ट अच्छे करिये, लेकिन जनता में सन्देश बुद्धिजीवी नहीं हमेशा सिंपल, स्टुपिड मौके पर तैयारी के साथ देने की आदत डाल लीजिये….
इतना सिंपल कि पार्ट टाइम राजनीति में रूचि रखने वाले/वाली एंजेल प्रिया भी आपको डिफेंड कर सके.
सब घाघ एक तरफ हैं और जो नहीं हैं एक हो जायेंगे, और लड़ाई वाकई आर पार की ही है….
बाकी अगर यह भी अफवाह उड़ाई जाए कि क्यूबन कॉमरेड कास्त्रो बैंक की लाइन में खड़े रहने की वजह से मर गए तो हमारा देश ऐसा ही है कि लाखों लोग न केवल यह मान ही लेंगे, आपसे झगड़ भी जाएंगे साबित करने को.
So keep it that simple Stupid, you know..