चलिए जानते हैं एक अनूठे तरीके के बारे में जो बरसों से चल रहा था काले पैसे को सफ़ेद करने के लिए.
अब आगे चलेगा या नहीं ये नहीं पता.
[संदीप की कलम से : 11 नवंबर 2016, एक काल्पनिक कथा]
हमारे यहाँ कैपिटल गेन टैक्स का प्रावधान है, जो सोना, शेयर, प्रॉपर्टी आदि फिक्सड एसेट्स को बेचने पर प्राप्त होता है.
किसी वस्तु को 3 साल तक रखने के बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और उससे पहले शार्ट टर्म कैपिटल गेन बनता है.
[संदीप की कलम से : चलो, पम्प से बनाएं काला धन]
शार्ट टर्म कैपिटल गेन आपकी उस साल की आय में जुड़ जाता है जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर ज्यादातर 20% टैक्स लगता है.
अब पेंच ये है कि शेयर के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कोई भी टैक्स नहीं लगता.
इसी बात से शुरू होता है खेल.
[संदीप की कलम से : ये है पूरी तरह क़ानूनी और टैक्स फ्री काला धन]
आपके पास 10 लाख हैं कैश में.
आप पहुंचे किसी छोटी मोटी, कम नाम वाली शेयर ब्रोकिंग कंपनी के पास जो डीमेट अकाउंट भी खोलती है.
वो अपने यहाँ आपका डीमेट अकाउंट खोलेगी.
पुराने शेयरों को फिजिकल रूप में भी रखा जा सकता है पर उसको बेचने के लिए उसका डीमेट होना अनिवार्य है, नए शेयर सिर्फ डीमेट अकाउंट में ही आते हैं.
अब उस कंपनी ने ऐसा शो किया कि आपके पास 3 साल से पुराने फिजिकल किसी छोटी कंपनी के शेयर हैं.
इसके बाद उनको डीमैट ट्रांसफर के लिए भेज दिया. ट्रांसफर के बाद वो शेयर बाजार भाव पर बेच दिए गए.
शेयर वो चुना गया जिसकी पुरानी कीमत बहुत कम हो और आज की वैल्यू 10 लाख, क्योंकि 15 साल पहले के बहुत सारे ऐसे शेयर मिलेंगे जो तब 2-3 रूपये के थे पर आज 500-600 के हैं.
इस काम को करने के लिए इन कंपनियों की सेटिंग शेयर रजिस्ट्रार कंपनियों के यहाँ जरूर होती होगी.
अब आपके अकाउंट में सफ़ेद 10 लाख आ गए और आपको कंपनी को कैश 11 लाख देने पड़े, 10% इस सर्विस की कीमत.
ऐसा लगभग हर शहर में होता है. सरकार को इस चैनल पर रोक लगाने की भी सोचनी चाहिए.
- संदीप बसलस