काला धन है क्या, लोग यही नहीं समझते!

कल से लोग नाराज हैं मोदी सरकार की नयी एमनेस्टी योजना से.

नया कानून जिसमे 50% टैक्स देकर काले को सफ़ेद किया जा सकता है.

पढ़ा मैंने इसके बारे में अख़बार में. मैं समर्थन करता हूँ सरकार का. सही और उचित कदम है.

ये नया इनकम टैक्स कानून फेमा, PMLA, नारकोटिक्स, और काले धन के कानून से बचाव की सुविधा नहीं देता.

अगर आप अंडर इन्वॉइसिंग कर रहे हैं, इन्वेस्टमेंट से पैसा कमाया है लेकिन टैक्स नहीं दिया.

जमीन बेचीं, कैपिटल गेन टैक्स नहीं दिया. ब्याज पर पैसा देते हैं, लेकिन जो इनकम हुई उस पर टैक्स नहीं देते.

दिक्कत ये है कि लोग यही नहीं समझते कि काला धन है क्या, इसके कितने रूप हैं.

सही काम करके कमाया गया काला धन क्या है और भ्रष्टाचार करके कमाया गया काला धन क्या है? अपराध की कमाई क्या है?

लोग ये भी नहीं समझते की कैश में काले धन का क्या अर्थ है, जमीन-सोने में काले धन का क्या अर्थ है?

फिर लीगल और इल-लीगल काले धन को कैसे समझेंगे? लीगल काला धन कैसे कमाया और बचाया जाता है, वो तो असंभव है समझना.

एक बार पहले भी लिखा था, देशभक्ति सीमा पर जाकर दुश्मन से लड़ने की कसम खाने का नाम नहीं है.

देशभक्ति इतनी सरल होती तो बात ही क्या थी. मेहनत लगती है साहब, बहुत मेहनत. धैर्य रखना होता है, भरोसा करना होता है.

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