हथवा में होत जो हमरे कटरिया, बहाइ देतीं गोरवन के खून हो कचौड़ी गली सून कइल बलमू, मिर्ज़ापुर कइल गुलजार हो… सइयां मिले लरकोईयाँ, रेलिया बैरन सहित तमाम लोकप्रिय लोकगीतों के जरिये पद्मश्री मालिनी अवस्थी के सुरों की गंगा में भीगते रहे श्रोता देर रात तक.
अवसर था आवास डेवलपर्स, श्रीहन विराट और सौंदर्य वाटिका की साँझा प्रस्तुति “पूरब की माटी से सीमा की माटी तक” के आयोजन का जिसे प्रस्तुत किया गया 27 नवंबर की शाम देवरिया के जीआईसी मैदान में जो.समर्पित था देश की सेना, शहीदों और शहीदों के परिवारों को.
आयोजन की संकल्पना और मंच संचालन का जिम्मा संभाल रहे अवनीश पी एन शर्मा ने शाम 6.30 बजे मंच पूजन के लिए भोजपुरी के तुलसी के खिताब से नवाजे गये और तमाम लोकप्रिय भोजपुरी गीतों के रचयिता श्री तारकेश्वर मिश्र राही जी के साथ शायर डॉ नूरुल बशर जी को आवाज दिया.
जिसके बाद आप दोनों ने रचनापाठ को आगे बढ़ाया देवरिया की स्थानीय गायिका और फोक जलवा कार्यक्रम की विजेता पूनम मणि ने अपने स्वरों से ‘ऐ मेरे वतन के लोगों और गोदना लोकगीत के जरिये.
इसके बाद अवतरण हुआ मंच पर मालिनी अवस्थी जी का देवीगीत के माध्यम से और से और उसके बाद खचाखच भरा पांडाल और हजारों श्रोता देर रात तक लोकगीतों और मालिनी जी के जादुई आवाज में एक के बाद एक प्रस्तुतियों से झूमने को मजबूर हो गए.

काले धन पर केंद्र सरकार की कार्यवाई के जिक्र के बीच ‘डूबी गइल काली कमइया हो राम’ के साथ ही यह लोक संगीत संध्या आगे देश भक्ति के रस में और भीगी और मालिनी जी ने देश के एक विश्विद्यालय से लगे भारत विरोधी नारों की याद दिलाते हुए….. सोहर के जरिये आइना दिखाया कि कैसे देश की माएँ अपने ललन को देश की सेवा के लिए सेना में भेजने का संकल्प और लालसा पालती है.
इस संध्या ने मालिनी के सुरों में जहां ‘तन मोरा अदहन मन मोरा चाउर’ बिरहा की लोकमाटी पाई तो वहीं राग भैरवी, पहाड़ी की शास्त्रीय ऊंचाई भी. हमरे देशवा के जवान जैसे गीत ने देश भक्ति के भाव को वह सजीवता प्रदान किया जो ’15 अगस्त के अवसर पर घर-घर झंडा फहराइल बा’ तक आगे बढ़ा और हजारों श्रोताओं के संग देवरिया की भूमि ने देश की सेना, शहीदों और शहीद परिवारों को एक यादगार और ऐतिहासिक नमन प्रस्तुत किया.
आयोजन में देवरिया की जिलाधिकारी श्रीमती अनीता श्रीवास्तव सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी, गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे. स्थानीय टीम के तौर पर आयोजक मंडल से श्री विजयंत सिंह, श्री अद्भुद शुक्ल, श्री जे के राव और आदित्य सिंह के साथ तमाम शुभचिंतकों ने अपना योगदान दिया. अंत में आयोजक ग्रामीण विकास सेवा संस्थान के सचिव छोटे बाबा ने सभी का आभार और धन्यवाद प्रस्तुत किया.