सुबह आँख खुली तो फोन बज रहा था.. मन में ख्याल आया 6 बजे कौन फोन करेगा .. पति तो फोन करते ही नहीं, करते भी है तो मिस कॉल मारते हैं..
कई बार बोला कभी फोन ही कर लिया करो.. उसमे भी कंजूसी मिस काल मारते हो पत्नी को भी.. तो उनका एक ही जवाब होता तो क्या हुआ तेरे फोन का बिल मैं ही तो भरता हूँ मेरे ही पैसे हुए एक ही बात हो गयी.. उफ़ कौन बहस में पड़े… हां तो फोन देखा उसी का था उठा के तकिये के नीचे दबा दिया.. और फिर सो गयी….
आज स्कूल नहीं जाना था शनिवार इतवार छुट्टी रहती है…
आराम से सोती रही.. जब उठी तो दोपहर का डेढ़ बज रहा था…
उठी फ्रेश हुई नहाईं चाय बनाई और टीवी ओन किया … या तो गाने सुनती हूँ या टॉम एन्ड जैरी देखती थी…
इस मामले में मेरी आदत बड़ी खराब है टीवी ओन करके रखती हूँ पर देखती नही आँखे बन्द किये लेटी रहती हूँ…
सीरयल पसन्द ही नहीं इतना ड्रामा झूठ फरेब चालें… कुछ भी तो सच नहीं..
मेरा तो देख ब्लडप्रेशर बढ़ता है इन्हें…
हां तो गाने सुनने लगी आँख बन्द करके….
फिर फोन का ख्याल आया…
तकिये के नीचे से उठाया देखा तो 37 मिस्ड कॉल….
मुँह से निकला .. पागल है क्या ये लड़का..
और फोन रख दिया.. पर सच कहूँ तो इंतज़ार भी था आ जाए तो रिसीव करुँ…
पर नहीं आया…
शाम हो गयी बालकनी में बैठी आते जाते लोगों को देख रही थी.. कि फोन बज उठा..
तीन चार रिंग के बाद उठा लिया.. एक्चुली उठाना तो था ही बस थोडा सा एटीट्यूड दिखा रही थी..
हेलो…
हाँजी हेल्लो ..
कितने फोन किये आपने उठाया ही नहीं ठीक तो हैं आप…
क्यों उठाऊँ आपने ही तो कहा था कि फिर उठा लिया मैंने तो कॉलर टोन सुनने के लिए कॉल किया था….
हां पर कभी कभी उठा लेना चाहिए मेम…
आपकी आवाज़ उस से भी अच्छी है..
मुझे हँसी आ गयी पर रोक ली और सख़्त सी बनी रही.. ओके अब उठा लिया ..अब रख रही हूँ ….
अरे अरे रुकिए तो..
हां जल्दी बोलो..
जल्दी क्यों कोई काम है?
हां है…
अच्छा आपके पति कैसे हैं?
अच्छे हैं और बेटा बहू भी ठीक हैं..
ओह तो आपके बेटे भी हैं?
जी..
कितने?
एक ही है…
फिर हँस के बोला फिर तो पोता भी होगा?
मैं बोली हाँ है ना..
अच्छा तो फिर दादी अकेली क्यो बैठी है पोते के साथ खेल नहीं रही…
नहीं वो बाहर दोस्तों के साथ खेलने गया है…
क्या नाम है उसका?
अब सोचने लगी क्या बोलूँ न पोता था न बेटा मेरे…. फिर यूं ही बोल दिया टीवी पर अक्षय कुमार को देख .. अक्षय नाम है उसका …
अरे वाह अच्छा नाम है … तो दादी जी आपकी उम्र कितनी है..
क्यों?
नहीं यूं ही पूछा कि दादी कहूँ तो बुरा तो नही लगेगा न आपको…
ओके .. लगभग 56 साल होगी मेरी उम्र …
अच्छा !!और फिर हँसा…
मुझे लग रहा था वो विश्वास नहीं कर रहा…
और बोला 56 साल में भी 22 साल की लड़की जैसी आवाज़ है दादी जी आपकी..
और भीतर ही भीतर मैं भी हँस रही थी पर आवाज़ में वो नहीं आने दी…
अब उसको विश्वास दिलाने के लिए नाटक किया…
और यूं ही आवाज़ लगाई … नेहा बहू एक गिलास पानी देना बेटा मुझे….
वो हँस दिया और बोला अच्छा तो आपकी बहूरानी का नाम नेहा है अच्छा नाम है……
नाम से याद आया … दादी जी आपका नाम क्या है?
और मुझे जाने क्यों जोर से हँसी आ रही थी …
हमारे यहाँ हरियाणा में जो जमादारनी आती थीं उनके नाम .. सन्तरा, अनारो, बर्फी, अंगूरी, पतासो पेठा इस टाइप के होते थे …
और मैं अपनी हँसी को दबाये हुए बोली..
जी मेरा नाम अंगूरी देवी है…
ओह इतना प्यारा नाम पक्का आपकी दादी ने रखा होगा…
नहीं नानी ने…
अरे जिस ने भी रखा पर प्यारा नाम है अंगूरी देवी जो उम्र बताई उस पर सूट कर रहा है…
पर नाम सोचने में इतना वक़्त लग गया ना दादी जी आपको…
मतलब? मैं क्या झूठ बोल रही हूँ? फोन रखो पता नही क्यों एंटरटेन कर रही हूँ आपको….
रखो मुझे पोते को लेने जाना है….
अरे दादी जी रूको तो…
ओ हेल्लो
अंगूरी देवी
अरे सुनो तो ये एंटरटेन का मतलब बताती जाओ …
मैं 12वीं फ़ैल हूँ जी…
और वो बोलता रहा मैंने फोन काट दिया…
और खूब हँसी… कि मैंने किसी को उल्लू बनाया …
पर लग रहा था बना नहीं… और फिर तभी टेक्स्ट मैसेज आया दादी जी रात 8 बजे फोन करूँगा इंग्लिश सिखणी है जी….
और मैं मुस्कुरा दी…..
क्रमशः…..