गुजरात में पंचायत चुनाव के बाद आज निकाय चुनावों में भाजपा फिर भारी जीत की ओर. मुख्यमंत्री बदलना सही क़दम. मोदी-शाह की गुजरात में पकड़ बरकरार.
हार्दिक पटेल के कंधे पर चढ़कर गुजरात में घुसने का सपना देख रहे केजरीवाल के लिये ये एक और बड़ा झटका है.
इस भूकम्प का केन्द्र तो गुजरात में ही था लेकिन आफ्टर शॉक दिल्ली तक आते रहेंगे.
हो सकता है अब केजरीवाल कोई भी बहाना बनाकर गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ने का इरादा ही छोड़ दें…
हाँ तो गुजरात की शहरी जनता ने भी (जिसमें व्यापारी भी शामिल है, पटेल भी) नोट बंदी का समर्थन कर दिया है.
अब मोदीजी को संसद में विपक्ष को जवाब दे ही देना चाहिये. लहूलुहान पड़े विपक्ष की ड्रेसिंग करना तो बनता है… मोदीजी इतने भी असहिष्णु मत बनिये…
हुआ दरअसल ये है कि नोटबंदी के बाद गुजरात में हुए निकाय और पंचायत चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई है. इससे पहले, सोमवार को महाराष्ट्र से भी भाजपा को ऐसी ही जीत मिली थी.
पूरे राज्य में हुए निकाय चुनाव के वोटों की गिनती अभी चक रही है. अब तक जिन सीटों के परिणाम घोषित हुए हैं उनमें से अधिकांश सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई है.
गुजरात के वलसाड के वापी नगर पालिका की 44 सीटों में सभी के नतीजे आ गए हैं, जिनमें 41 सीटों पर भाजपा की जीत हुई है, जबकि सिर्फ तीन सीटों पर ही कांग्रेस खाता खोल पाई है.
सूरत की कनकपुर कनसाड नगर पालिका की 28 सीटों में से 20 सीटों के परिणाम सामने आ चुके हैं. इनमें से 19 सीटों पर भाजपा को जबकि 1 सीट पर कांग्रेस के जीत हासिल हुई है.
इसके साथ ही गुजरात के राजकोट के गोंडल तालुका पंचायत में 22 सीटों के लिये चुनाव हुआ.
इन 22 में से अबतक 12 सीटों के नतीजे घोषित हो गए हैं. जिसमें से 11 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई तो वहीं कांग्रेस के खाते मे सिर्फ एक सीट गई.