नई दिल्ली. नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयासों को बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने करारा झटका दिया है.
विपक्ष के भारत बंद के आह्वान से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने खुद को अलग करते हुए ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस द्वारा 30 नवंबर को पटना में बुलाए गए धरने में भी शामिल न होने की भी बात कही है.
नितीश कुमार के इस रुख से भड़कीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि नितीश किसी दबाव में भाजपा की लाइन को आगे बढ़ा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि नितीश कुमार कई मौकों पर नोटबंदी के फैसले के समर्थन में खुलकर बयान दे चुके हैं.
उनकी पार्टी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हमने केंद्र की नोटबंदी का जोरदार समर्थन किया है. हम कैसे इसके विरोध में होने वाले बंद या धरना में शामिल होंगे.
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी पार्टी 28 नवंबर के ‘भारत बंद’ और 30 नवंबर को ममता बनर्जी के धरना का हिस्सा नहीं बनेगी.
बता दें कि नितीश कुमार ने केंद्र के नोटबंदी के फैसले का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से अब बेनामी संपत्ति रखने वालों पर कार्रवाई करने को कहा है.
वहीं, नितीश के इस रुख से झटका खाने के बाद ममता बनर्जी को अब सिर्फ कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव की पार्टी से ही उम्मीद बची है.
कांग्रेस केंद्र सरकार के हर फैसले का विरोध करने के चलते ममता के इस अभियान की स्वाभाविक साझेदार है, वहीं लालू यादव नोटबंदी के खिलाफ है और सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर चुके हैं.