तारीख 26-11-2008 –
एक काबिल अर्थशास्त्री के, SP BSP TMC जैसी पार्टियों के बहुमत से PM कार्यकाल में, कुछ भटके हुए नौजवान AK-47 लिए भारत भ्रमण के लिए सड़कों पर उतर आये थे.
इन्हें यहाँ भीड़ ज्यादा लगी तो “अल्लाह हू अकबर” के पवित्र उवाच के साथ बिना नोट बदलने की लाइन में लगे हुए 166 लोगो को मार डाला.
मगर इन 166 लोगों के घर में, न किसी की बहन बेटी की शादी थी, ना किसी के घर कोई बीमार था, ना कोई अकेला कमाने वाला था, मतलब सभी फ़ालतू Type लोग ही थे.
तो इस साधारण सी आतंकी घटना के विरोध में
• ना कोई संसद बंद हुई.
• ना सदन में हंगामा हुआ.
• ना किसी ने PMO के system failure की बात की
• न कोई संसद सत्र रुका.
• ना पुरस्कार वापिस हुए.
• ना आमिर खान की पत्नी को भारत insecure लगा.
• ना कोई असहिष्णुता फैली.
• ना समुदाय विशेष को इस्लामिक आतंकवाद से जोड़ा गया.
• ना ही मरने वालो के परिवार को अखलाक स्टाइल में घर पैसा नौकरी की allotment हुई.
• ना प्रधानमन्त्री की छाती मापी गई.
• ना सार्क सम्मेलन का बहिष्कार हुआ.
• ना कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुई.
• ना सिंधु जल सन्धि पर पुनः विचार हुआ.
• ना FB पर स्क्रीन काली हुई.
• ना भारत बन्द का एलान हुआ
तो फिर हुआ क्या ?
हुआ ये के हमने अगले साल फिर से उसी काबिल अर्थशास्त्री को, इन्ही SP, BSP, TMC Type घटक दलों के बहुमत के साथ 2014 तक के लिए अपना PM बना लिया.
अब कोई बताये अंधभक्ति की परिभाषा वो मेरे से गालियां यही खायेगा.
जय श्री राम
– कुलदीप वर्मा