नई दिल्ली. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व नेता जगन्नाथ मिश्र को उस वक्त सुप्रीम कोर्ट की खानी पड़ी जब उनकी तरफ से चारा घोटाला मामले में जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई.
सुनवाई को टालने की मिश्र की मांग पर नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आपके मामले की सुनवाई को टालने की मंशा से हम सहमत नहीं हैं. हमने आपका हलफनामा भी देखा है और हम यहां 20 साल से काम कर रहे हैं.
न्यायमूर्ति जे एस खेहड, न्यायमूर्ति ए के मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मिश्र द्वारा अपनाई गई तरकीबों की निंदा करते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह अदालत से छल करने के समान है.
पीठ ने कहा, ‘यह एक गंभीर अपराध है. आप समय ले रहे हैं. हमें आपको और समय क्यों देना चाहिए? आप इस न्यायालय को नजरअंदाज कर रहे हैं.’
हालांकि शीर्ष अदालत ने मिश्र को दो साल पहले जारी नोटिस का जवाब देने के लिये अंतिम अवसर देते हुए इसकी सुनवाई स्थगित कर दी.
कोर्ट ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि जनवरी से लेकर अभी तक आपने केस की तैयारी क्यों नहीं की.
कोर्ट ने टिप्पणी की कि आप बार-बार केस को टालने की मांग करते हैं और फिर कहते हैं कि अदालतों में बहुत केस लंबित हैं. अब चार हफ्ते बाद सुनवाई होगी और किसी को भी और वक्त नहीं मिलेगा.
चारा घोटाला मामले में जगन्नाथ मिश्र और लालू यादव सहित अन्य पर से कुछ धाराएं हटाये जाने के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट के 2014 फैसले को चुनौती दी है. इस फैसले में हाई कोर्ट ने मिश्र के खिलाफ दर्ज चारा घोटाले से संबंधित मामलों को निरस्त कर दिया गया था.
मामले निरस्त करने का आधार यह दिया गया था कि एक मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति पर समान मामलों में समान गवाहों और सबूतों के आधार पर और मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.
कांग्रेस के पूर्व नेता डॉ जगन्नाथ मिश्रा इस समय जदयू के साथ हैं. उनके खिलाफ दर्ज चारा घोटाले से जुड़े पांच मामलों में से एक मामले में 2013 में उन्हें निचली अदालत ने दोषी करार दिया था.
सीबीआई का दावा है कि हालांकि ये मामले चारा घोटाले से ही निकले हैं लेकिन इनकी प्रकृति भिन्न-भिन्न है क्योंकि इसमें अलग-अलग कोषों की अलग-अलग राशियां शामिल थीं.
इस मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद निश्चित करते हुये पीठ ने कहा कि यह एक ‘गंभीर मामला’ है और जिस तरह से इस मामले को पांच बार स्थगित किया गया, वह उससे खुश नहीं है.
करीब 950 करोड़ के चारा घोटाले के आरसी/20ए/96 केस में लालू के अलावा बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र, जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपी हैं. इन सभी पर चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप है.