11 नवंबर 2016, एक काल्पनिक कथा

हैलो.

फलां साहब बोल रहे हैं?

आगे की कहानी जानने से पहले फलां साहब का संक्षिप्त परिचय –

फलां साहब एक मध्यम श्रेणी के शहर के मध्यम वर्गीय बिल्डर हैं. 17 प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक संपन्न करके पिछले 10 साल में बहुत साख बनाई है.

लोगों को भरोसा है उनके प्रोजेक्ट पर, और बिना किसी कागज़ लोग उनके प्रोजेक्टों में प्री-बुकिंग पैसा भी लगाते हैं और वक़्त से प्रॉफिट बुक कर अगले में फिर लगाते हैं.

[ये भी पढ़ें : चलो, पम्प से बनाएं काला धन]

शहर के हुंडी कारोबार में उनका नाम है. उनके नाम पर लोग ब्रोकर को आसानी से पैसा दे देते हैं.

पिछले 2-3 साल से स्थिति थोड़ी गड़बड़ाई हुई है, प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ नहीं रहीं, बिकवाली कम है.

इसलिए जो कम्प्लीट प्रोजेक्ट में बिना बिका माल है, वो सर पर रखा है. जो प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं वो पैसे की कमी से पूरे नहीं हो पा रहे.

[ये भी पढ़ें : ये है पूरी तरह क़ानूनी और टैक्स फ्री काला धन]

फलां साहब बेईमान जरा भी नहीं, पूरी कोशिश में लगे हैं, मार्किट से 2/3 रूपये ब्याज पर भी पैसा लिया है, पर फंसे हुए हैं, ऐसे में नोट बंदी की तलवार और गिर पड़ी.

खैर तो आगे की मोबाइल वार्ता सुनें…

हाँ, मैं फलां बोल रहा हूँ.

अच्छा, मैं अलां बोल रहा हूँ.

लगे हाथ इन फोन करने वाले अलां साहब की मालूमात भी हासिल कर लें –

अलां साहब, शहर के नामचीन डॉक्टर हैं. शानदार हॉस्पिटल, घर… फिजूल खर्च जरा भी नहीं… मृदु भाषी.

दिन के 15 घंटे मरीजों को देते हैं, कोई गरीब मरीज आ गया तो फ़ीस तो ली नहीं और दवा साथ में पकड़ा दी.

और अपने फलां साहब के पुराने इन्वेस्टर भी हैं, बस इनकम टैक्स रिटर्न 20% का भरते हैं.

तो इन्हीं अलां साहब यानी डॉक्टर साहब ने फलां साहब यानी बिल्डर महोदय को फोन लगाया है.

अरे साहब, बताइये, कैसे याद किया?

अरे क्या बताएं, आपको तो पता ही है, मोदीजी ने क्या कर दिया, कोई व्यवस्था है तो बताइए.

अरे बहुत मुश्किल है, फिर भी पता करके फोन करता हूँ.

2 घंटे बाद

हाँ, अलां साहब.

बोलो भाई, बनी कोई व्यवस्था?

हो तो रही है, बस 20% कम पेमेंट मिलेगा, और 6 महीने बाद.

अरे ये तो बहुत ज्यादा है.

अरे अलां साहब, आपके लिए बहुत कोशिश की है, तब ये पकड़ आया है, वरना 30% का रेट चल रहा है.

ओके, चलो 50 भेज रहा हूं.

पैसे आये, और फलां साहब ने अपने उस लेनदार को फोन किया जिसको उन्हें 60 देना था, जबकि पिछले 9 महीने से ब्याज तक नहीं दे पाए थे.

हाँ भाईसाहब.

बोलो फलां साहब.

देखिये ऐसा है, अभी 50 मिल जायेंगे फुल एंड फ़ाइनल पेमेंट में, बाद का पता नहीं मैं कब और कितने दे पाउँगा, आप अभी जवाब दें, नहीं तो मैं किसी और को फोन करूँ.

उन साहब ने 1 मिनट सोचा और हामी भर दी.

पेमेंट चली गई.

अब एक दिन में फलां साहब ने 10 कमाए अलां साहब से. अपने लेनदार को 10 कम दिए. 11 की ब्याज माफ़ कराई.

यानी टोटल 50 के ट्रांजक्शन में 31 का नेट फायदा और दिवालिया घोषित होने से बचे, और ऐसा बहुत सारे अलां साहब के साथ बहुत सारे फलां साहब ने किया….

अब फलां साहब कब वापस देंगे 40 उनकी मर्जी, नहीं भी दिए तो कोई कुछ उखाड़ नहीं सकता क्योंकि कैश का लेनदेन है पूरा….

संदीप बसलस

Comments

comments

LEAVE A REPLY