गीता दत्त जन्म स्मरण : मेरा सुंदर सपना बीत गया

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Geeta Dutt

गीता घोष रायचौधरी का जन्म 23 नवंबर 1930 को फरीदपुर (बांग्लादेश) में हुआ. 40 के दशक में उनका पूरा परिवार मुंबई आ गया.

बचपन से ही गीता का रूझान संगीत की ओर था . गीता को वर्ष 1946 में फ़िल्म ‘भक्त प्रहलाद’ के लिए गाने का मौका मिला और ऐसे अन्य कई मौकों के बाद एस. डी. बर्मन ने उन्हें पार्श्वगायन का मौका दिया – फ़िल्म ‘दो भाई’ में उनका गाया ‘मेरा सुंदर सपना बीत गया’ श्रोताओं को काफ़ी अच्छा लगा.

फ़िल्म ‘बाजी’ के निर्माण के दौरान उनकी मुलाकात निर्देशक गुरुदत्त से हुई – गुरुदत्त मोहित हुए , गीता भी गुरुदत्त से प्यार करने लगी. 1953 में गीता दत्त ने गुरुदत्त से शादी कर ली.

गीता को हर तरह के गीत गाने में महारत हासिल थी. एक ओर तो उन्होंने मीरा के दर्द को गाकर अमर कर दिया – घूँघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे…..‘ तो दूसरी ओर फिल्म ‘बाजी’ ‘आरपार’, ‘सीआईडी’ , प्यासा’, ‘कागज के फूल’ ,‘चौदहवीं का चाँद’ ‘साहिब बीबी और ग़ुलाम’ ,‘भाई-भाई’ आदि में ऐसी स्वर-संगम पेश किया कि श्रोता उनके स्वर की विविधता के कायल हो गये . गीता दत्त ने कई बांग्ला फ़िल्मों के लिए भी गाने गाए.

वर्ष 1957 मे गीता दत्त और गुरुदत्त की विवाहित ज़िंदगी मे दरार आ गई और उन्होने गुरुदत्त से अलग रहने का निर्णय कर लिया. उस समय गुरुदत्त की ज़िंदगी में वहीदा रहमान आ गयी थीं लेकिन गुरुदत्त गीता से मिलने उनके घर में अंत तक आते रहे जिसके कारण तरुण दत्त , अरुण दत्त दो पुत्रों के अलावा नीना दत्त नामक एक पुत्री भी 1962 में पैदा हुई.

20 जुलाई 1972 को अपनी दिलकश आवाज़ से सबको मदहोश करने वाली मल्लिका स्वयं खामोश हो गयी.

जन्मदिन पर पर गीता दत्त को हार्दिक श्रद्धांजलि !

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