विमुद्रीकरण : फैलाए जा रहे भ्रम और वास्तविकता

भ्रम : प्रधानमंत्री, 100 और 50 रुपए के नोटों के विमुद्रीकरण की घोषणा के लिए देश को संबोधित करने जा रहे हैं.

वास्‍तविकता : आधारहीन, किसी भी दूसरे मूल्‍य के नोट के विमुद्रीकरण के लिए लीगल टेंडर रद्द करने पर विचार नहीं किया गया है.

 

भ्रम : कुछ व्‍यापारिक घरानों और पार्टी सदस्‍यों को विमुद्रीकरण की सूचना पहले ही दे दी गई थी.

वास्‍तविकता : इस संबंध में पूरी तरह से गोपनीयता बरती गई है और किसी को भी सरकार की तैयारी की भनक नहीं लगने दी गई.

 

भ्रम : विमुद्रीकरण लागू करने की लागत लाभ से कही अधिक है.

वास्‍तविकता : समानांतर अर्थव्‍यवस्‍था देश की अर्थव्‍यवस्‍था को खोखला करती है और दूसरों की तुलना में गरीब और मध्‍यमवर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है.

 

भ्रम : विमुद्रीकरण सिर्फ दिखावे के लिए है. लोग कालाधन रखने के लिए दूसरे रास्‍ते तलाश लेंगे. उद्योग-व्‍यापारी वर्ग इस समस्‍या की तोड़ निकालने में लग गए है.

वास्‍तविकता : प्रवर्तन एजेंसियां कड़ी नजर रखी हुई हैं. बेनामी कारोबार अधिनियम और काले धन को रोकने के लिए सूचना साझा करने की संधि में आवश्‍यक बदलाव किए गए हैं.

 

भ्रम : नए नोट में कालाधन जमा करने वालों पर नजर रखने के लिए चिप लगी हुई है.

वास्‍तविकता : ये काल्‍पनिक और मनगढ़ंत बातें हैं. नए नोट में किसी तरह की चिप नहीं लगी है.

 

भ्रम : 2,000 रुपये के नोटों की क्‍वालिटी कम है और उनसे रंग निकलता है.

वास्‍तविकता : नोट में एक सुरक्षा चिन्‍ह है, जिसे इंटैग्लियो प्रिटिंग कहते हैं. सही नोट की जांच के लिए आप उसे किसी कपड़े से रगडि़ए जिससे एक टर्बो इलेक्ट्रि‍क इफेक्‍ट तैयार होता है और इसी की वजह से नोट का रंग कपड़े में लग जाता है.

 

भ्रम : अगला कदम बैंक लॉकर को सील करना और सोने/हीरे/आभूषण को जब्‍त करना है.

वास्‍तविकता : यह बात बेबुनियाद है. बैंक लॉकर सील करने या फिर आभूषणों को जब्‍त करने जैसा कोई प्रस्‍ताव नहीं है.

स्रोत : pib.nic.in

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