सरकार ने कहा, पुराने नोटों का एक्सचेंज रोकने का कोई इरादा नहीं

नई दिल्ली. शुक्रवार को दिन भर नोट बंदी को लेकर सरकार ने कई घोषणाएं कीं. वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पुराने नोटों के एक्सचेंज रोकने का कोई इरादा नहीं है.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि सरकार 24 नवंबर के बाद नोट एक्सचेंज बंद कर सकती है.

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि सरकार वैसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी जो अपने अकाउंट का दुरूपयोग दूसरे लोगों के ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में तब्दील करने के लिए कर रहे हैं.

सरकार ने नोटबंदी के तहत 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के बाद पुराने नोटों को जमा कराने के लिए 30 दिसंबर तक 50 दिन का समय दिया है.

ऐसी रपटें हैं कि लोग अपने कालेधन को सफेद करने के लिए दूसरे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

खातों के इस तरह के दुरुपयोग के लिए खाताधारक को कमीशन आदि देने की भी खबरें आ रही हैं.

सरकार ने इससे पहले कहा था कि बैंक खातों में 2.50 लाख रुपये तक की जमाओं की कोई आयकर जांच नहीं होगी क्योंकि यह तो कर छूट के दायरे में आती है. वहीं जनधन खातों के मामले में यह सीमा 50,000 रुपये है.

आयकर विभाग के अनुसार लोगों का शायद यह मानना है कि 9 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान 2.50 लाख रुपये तक की जमाओं के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

इस पर मंत्रालय ने कहा है, ‘अगर यह साबित हो जाता कि कि खाते में जमा राशि खाताधारक की नहीं थी और खाताधारक ने अपने खाते का दुरुपयोग करने की अनुमति दी है तो आयकर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.’

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