मुम्बई. विवादित इस्लामिक प्रचारक ज़ाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन (IRF) के खिलाफ शुक्रवार को FIR दर्ज करवाने के बाद नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई की है.
[लग ही गया ज़ाकिर नाइक के एनजीओ पर बैन]
मुंबई में NIA और पुलिस टीम ने शनिवार सुबह IRF के 10 ठिकानों पर रेड की. टीम सुबह सवेरे ज़ाकिर के मुंबई स्थित संगठन IRF के ऑफिस पर पहुंची और कागजातों को सीलबंद करते हुए अपने कब्जे में ले लिया.
एजेंसी के अधिकारियों के साथ काफी संख्या में पुलिस की मौजूदगी रही. ज़ाकिर नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों और भड़काऊ भाषण के माध्यम से भारत में विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता और घृणा को बढ़ावा देने जैसे आरोप हैं.
एक दिन पहले नाइक की संस्था IRF पर बैन लगा दिया गया था और एनजीओ पर विदेश से चंदा लेने पर भी रोक लगाई थी.
मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को ज़ाकिर नाइक की संस्था के सामने एक नोटिस चिपकाया है. गृह मंत्रालय ने आतंक रोधी कानून के तहत ज़ाकिर नाइक की संस्था पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को खाड़ी देशों से फंड मिलने की बात सामने आई थी. इसके बाद सरकार ने कुछ दिन पहले चंदे पर रोक लगाई थी.
इस साल 1 जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्टोरेंट में आतंकी हमला हुआ था. इसमें 2 पुलिस ऑफिसर और 5 हमलावरों समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी.
जांच में यह भी बात सामने आई थी कि हमलावरों ने घटना के वक्त ज़ाकिर नाइक के भाषणों का हवाला दिया था. इसके बाद ही नाइक और उसके एनजीओ विवादों में आ गए थे.
आईआरएफ पर आरोप हैं उसे विदेशों से मिले चंदे का राजनीतिक उपयोग, धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने और आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल किया गया.
आरोपों में घिरने के बाद गृह मंत्रालय ने आईआरएफ को मिलने वाले चंदे के स्रोत का पता लगाने का आदेश दिया था.
ज़ाकिर नाइक की कांग्रेस से नज़दीकियां
कांग्रेस से ज़ाकिर नाइक की नज़दीकियों का आलम यह था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह न सिर्फ ज़ाकिर की जमकर प्रशंसा करते थे बल्कि चार महीने पहले (जुलाई 2016 में) उसके साथ गलबहियां करते सिंह की तस्वीरें भी जमकर वायरल हुई थीं.
हालांकि कुछ ही समय बाद (सितंबर 2016 में) इन नज़दीकियों का राज़ भी खुल गया, जब यह बात सामने आई कि ज़ाकिर नाइक के एनजीओ ने राजीव गांधी फाउंडेशन से संबद्ध संस्था राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को 2011 में 50 लाख रूपए का चन्दा दिया था.
बात खुल जाने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चंदा लिये जाने की बात स्वीकारते हुए दावा किया था कि यह मांगा नहीं गया था.
कांग्रेस ने चंदे की बात को माना लेकिन यह कहा कि आईआरएफ़ ने ये चंदा राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को दिया था न कि राजीव गांधी फ़ाउन्डेशन को.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया की बेटी प्रियंका वाड्रा फ़ाउन्डेशन के ट्रस्टी हैं. कांग्रेस का दावा था कि ये पैसा आईआरएफ़ को लौटा दिया गया था.