खुशियों पर सभी का हक़ होता है. पर यह आपके उपर निर्भर करता है. कि आप उन्हें कैसे मनाते हैं! अपनों के साथ या फिर कुछ ऐसे चेहरों के साथ जो किसी अन्धकार भरी दुनिया में बैठ कर अपने लिये एक उजाले की किरण तलाश रहे होते हैं. वो अन्धकार भरी दुनिया जहाँ कोई जाना पसंद नहीं करता. न ही कल्पना करना कोई पसंद करता है..
मेरी पारिवारिक सदस्य जैसी मेघा स्वर्णकार जी एक निजी कंपनी में जॉब करती हैं. उनकी छोटी सी बेटी सिद्धि का अभी पिछले दिनों जन्मदिन था. पर उन्होंने अपने बच्ची के जन्मदिन पर पैसों को दिखावे, साजो सामान, पार्टी आदि पर खर्च करने की बजाय किसी जरूरतमंद के साथ यह खुशियां बाटने की इच्छा मुझसे जताई.
मैंने उन्हें एक ट्यूमर कैंसर पीड़ित बच्ची माहेश्वरी (15 वर्ष) के बारे में बताया. माहेश्वरी के पिता रिक्शा चलाकर गुजारा करते हैं. पिछले कुछ महीने से हमारे सुमित फाउंडेशन “जीवनदीप” की टीम कुछ लोगो के सहयोग से इस बच्ची का इलाज करवा रही थी. अभी कीमो चल ही रहा है. और बच्ची पहले से काफी हद तक ठीक भी हो चुकी है.
यह सारी जानकारी मिलते ही मेघा स्वर्णकार जी ने उस बच्ची से मिलकर सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की. शाम मैं उन्हें उनकी बच्ची के साथ ले कर इस बच्ची माहेश्वरी के घर ले कर गया था. जहाँ मेघा जी की बेटी ने माहेश्वरी को अपने हाथों से चॉकलेट्स और एक छोटा सा आर्थिक सहयोग प्रदान किया..
दोस्तों यहाँ दो प्रमुख बातें हैं. पहला ये की आप अपनी खुशियां कैसे और किस रूप में और किन लोगों के बीच वक़्त गुजार कर बांटते हैं!! और दूसरा यह की आप अपने बच्चों को क्या सीख देते हैं.
मैंने अपनी अभी तक की जिंदगी में बहुत से लोगो को अपने बच्चो को डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, साइंटिस्ट, आईएएस, आईपीएस, बिजनेसमैन और ना जाने क्या क्या बनाने की बात करते सुना है.
पर अपने बच्चे को सबसे पहले इंसान बनाने की बात करते और उसे वास्तविक जीवन में उतारते काफी कम लोगों को देखा है.. मेघा स्वर्णकार उन्ही में से एक है जो अपनी बेटी को सबसे पहले एक अच्छा इंसान बनाना चाहती है. खुशियों के सही मायने आखिर हम इस नन्ही सी परी सिद्धि से सीख ही सकते हैं..
साथ ही साथ इस कैंसर पीड़ित बच्ची माहेश्वरी के लिए चरामेति फाउंडेशन छत्तीसगढ़ द्वारा रूपये 3000 की आर्थिक सहयोग राशि भी भेजी जा रही है..
आभार आप सभी का. यदि आप भी सहयोग करना चाहते हैं तो कृपया इस नंबर पर सहयोग करें –
रविंद्र सिंह क्षत्री (जीवनदीप)
7415191234 (17/11/2016)