वॉशिंगटन. अफगानिस्तान और इराक में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) माइकल फ्लिन अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) होंगे.
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने आज अपने कैबिनेट के चुने गए कुछ प्रमुख लोगों के नामों का एलान किया.
इन नामों में ट्रंप के विश्वस्त सैन्य सलाहकार माइकल फ्लिन के अलावा कांग्रेस सदस्य माइक पोमपेओ का नाम शामिल है, जिन्हें सीआईए के प्रमुख के तौर पर चुना गया है.
फ्लिन एनएसए के तौर पर सुजेन राइस की जगह लेंगे. डॉनल्ड ट्रंप ने एलान किया कि उनका इरादा सीनेटर जेफ सेसंस को एटार्नी जनरल बनाने का है.
उन्होंने कहा, अमेरिकी सीनेटर जेफ सेसंस को एटॉर्नी जनरल के तौर पर नामित करना सम्मान की बात है.
सेसंस का कानून के क्षेत्र में शानदार करियर रहा है. सीनेट में आने से पहले वह अलबामा के सदर्न डिस्ट्रिक्ट के लिए अमेरिकी एटॉर्नी और अलबामा के एटॉर्नी जनरल रह चुके हैं.
एनएसए चुने गए फ्लिन ने अफगानिस्तान और इराक में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई थी.
ट्रंप ने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि जब हम कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को पराजित करने, भूराजनीतिक चुनौतियों से निपटने और देश-विदेश में अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए काम करेंगे तो लेफ्टिनेट जनरल माइकल फ्लिन मेरे साथ होंगे.’
अगस्त माह में फ्लिन की एक किताब आई थी जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद बंद करने की वकालत की थी और कहा था मदद जारी रखने का मलतब जिहादियों को फायदा पहुंचाना होगा.
पेंटागन की शीर्ष खुफिया एजेंसी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के निदेशक पद से उन्हें वर्ष 2014 में हटा दिया गया था.
इसके तुरंत बाद उन्होंने सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रपति बराक ओबामा के खिलाफ आवाज बुलंद की थी.
स्पष्ट वक्ता और अपने काम में माहिर खुफिया पेशेवर 56 वर्षीय फ्लिन उन आला सैन्य अधिकारियों में से एक हैं जिन्होंने ट्रंप का समर्थन किया था.
माइकल फ्लिन बीते एक साल से भी ज्यादा समय से ट्रंप के सबसे करीबी सैन्य सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं.