थोड़े समय पहले तक गावों में छुआछूत बिलकुल आम बात थी. होता तो वैसे ये अभी भी है लेकिन अब लोग इससे धर्म जाने का खतरा उतना ज्यादा नहीं मानते.
लोगों को अनपढ़ अशिक्षित रखने का ये आसान तरीका था एक वर्ग के लिए. अनपढ़ लोगों को अपने इशारों पे नाचने में फिर आसानी भी होती थी. ऐसे ही किसी गाँव में कहीं से टहलता हुआ एक अँगरेज़ आ गया.
लोगों ने इतना गोरा कभी देखा ही नहीं था! सब भागे भागे जमींदार साहब के पास पहुंचे पूछा क्या करें इस आदमी को बैठने वैठने के लिए पूछें भी या नहीं.
अब पंडित और जमींदार के घर से तो कई लोग शहरों में पढ़ते थे, उन्हें पता था कि गोरा क्या होता है. इतने में महाजन भी पहुंचे और जमींदार को समझाया कि हो न हो किसी योजना का सर्वे करता हुआ आया होगा.
अगर सरकारी नहर, या बैंक, अस्पताल कुछ भी खुला अपने इलाक़े में तो हमारा तो धंधा ही चौपट हो जायेगा! इसे किसी तरीके से टरकाना जरूरी है.
समझदारी भरा नुस्खा चाहिए था तो दोनों लोग पंडित जी के पास पहुंचे. पंडित जी गाँव का विद्यालय सँभालते थे. अपने ओसारे में बैठे बच्चों को अंग्रेजी पढ़ा रहे थे.
धंधा ख़तरे में पड़ते देख उन्होंने फ़ौरन छुआ छूत अस्त्र चलाने की ठानी. बच्चों को अपने साथ लिया और जमींदार के आहाते में पहुंचे, कहा ये अंग्रेज बड़े ही निकृष्ट कोटि के मलेच्छ होते हैं. अन्य पापों को छोड़ भी दिया जाए तो ये तो कई कई दिन तक नहाते भी नहीं !! इन्हें तो छूना भी धर्म भ्रष्ट कर देगा !!
गाँव में लोग सुबह सुबह ही नहा लेते हैं. किसी ने कहा, सच में नहीं नहाते क्या? इसी से पूछ लिया जाए? पंडित जी ने कहा, और क्या?
मैं बच्चों को तो अंग्रेजी पढ़ाता ही हूँ, इनको दूर से अँगरेज़ से पूछ आने दो कि वो कब कब नहाता है. सबको तरीका सही लगा, बच्चों को दौड़ाया गया. बच्चे पहुंचे अँगरेज़ के पास और पूछा चिल्ला कर “Sir !! O Sir, when do you bath ??”
अँगरेज़ बच्चों के सवाल पर थोड़ा हैरान हुआ, मगर मुस्कुराता हुआ बोला, “Maybe, once a week!!” और फिर अपने काम में लग गया!!
दौड़ते हांफते बच्चे वापिस आये और चिल्लाये, पंडी जी सही कहते हैं वो तो हफ्ते में एक बार नहाता है!!
लोग संतुष्ट हुए, आपस में खुसुर फुसुर की और फिर उस अँगरेज़ से नाता न रखने का फैसला करके अपने काम पर रवाना हुए. भीड़ छटते ही लाला ने तो पंडित जी के पैर पकड़ लिए, और मुस्कुराता हुआ जमींदार भी दोहरा हो गया.
फिर पूछा की पंडी जी ये चतुराई दिखाई कैसे? पंडी जी बोले, अबे अंग्रेजी बच्चों को कितनी सिखाई है हमने वो तो हमें पता ही है. और अँगरेज़ हर रोज़ झरना चला कर नहाते हैं जिसे कहते हैं shower, जब एक बार कभी बाथ टब में घुस कर वो साबुन वाले पानी में डूबे बैठे होते हैं उसे कहते हैं bath.
बच्चों को दोनों शब्दों का फ़र्क नहीं पता तो नहाने के लिए उन्होंने bath पूछा. नहाता अँगरेज़ भी रोज़ ही है, लेकिन न नहाने वाला साबित हो गया!!
अंग्रेजी के शब्दों के साथ ये अनोखी बात है. पक्का पक्का मतलब पता होना चाहिए. अब जैसे see, watch, और observe तीनों का मतलब देखना ही होता है, लेकिन अलग अलग.
जैसे अगर टीवी बंद हो और आप उसकी तरफ़ देखें तो कहेंगे “I see TV”, अगर कहीं क्रिकेट मैच आ रहा हो और आप जरा ध्यान से देख रहे हों तो कहेंगे “I watch TV” और कहीं चुनाव समाचार आ रहे हों और आप टीवी देखकर ये समझने में लगे हों की कौन जीतेगा तब आप “I observe..” इस्तेमाल करेंगे.
वैसे तो stare का मतलब भी देखना ही होता है, लेकिन जरा गुस्से भरी निगाह से या भावनात्मक उद्वेग के साथ देखना, और ogle का मतलब भी देखना होता है, लेकिन ये लड़कियों को घूरने वाला देखना होगा.
एक देखना behold भी होता है, जब आप ख़ूबसूरती को आँखों में बसा लेना चाहते हैं. एक inspect भी होगा, वो निरिक्षण करने वाला देखना, फिर gape और gawk भी होगा जिसे देखकर सांसे रुक जाएँ या मुंह खुला का खुला रह जाए.
शब्दों का सही इस्तेमाल पता होना जरूरी होता है, क़ायदे से पढ़ा लिखा होना उस से भी जरूरी. पढ़ा लिखा न हो आदमी तो पंडी जी छुआ छूत सिखा देते हैं.
कोई कोई Write Off का मतलब Waive Off (कर्ज माफ़ी) भी सिखा सकते हैं. बाद में जमीन जायदाद नीलाम ना हो जाये कहीं, बहुत शोषण है!!