नई दिल्ली. बुलंदशहर गैंगरेप को राजनीतिक साज़िश बताने वाले समाजवादी पार्टी नेता और यूपी सरकार में मंत्री को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लताड़ा.
इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज़म खान के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि रेप जैसे अपराधों पर नेताओं का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयानबाजी करना ठीक नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि आजम खान गैंगरेप केस पर बयानबाजी करने के लिए माफीनामा दाखिल करें.
गौरतलब है कि बीती 29 जुलाई को उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में राजमार्ग पर कार रुकवा कर अपराधियों ने कार में सवार महिला और बालिका से परिजनों के सामने बलात्कार किया था.
समाजवादी पार्टी में किनारे लगाए जा चुके आज़म खान से संभवत: सुर्खियाँ बटोरने के लिए इस जघन्य वारदात को राजनीतिक साज़िश करार देते हुए इसकी जांच की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आज़म अपने बयान पर माफी मांगने को तैयार हैं कि उन्होंने पीड़िता का दुख पहुंचाया है?
आज़म खान बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हो गए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज़म से अपनी कथित टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि पीड़िता की एक महीने के अंदर केंद्रीय विद्यालय में भर्ती कराई जाए और इसका खर्चा यूपी सरकार उठाएगी.
आगामी 7 दिसंबर को आज़म खान के माफीनामे पर सुप्रीम कोर्ट में विचार किया जाएगा.