नई दिल्ली. नियंत्रण रेखा के पास लगातार किए जा रहे संघर्ष विराम के उल्लंघन पर भारत ने पाकिस्तान को एक डेमार्श (demarche) जारी किया है.
किसी विदेशी सरकार को कुछ बताने, कोई सूचना लेने या किसी मुद्दे पर सहमत कराने के लिए उसे ‘डेमार्श’ जारी किया जाता है. यह इस महीने जारी किया गया ऐसा तीसरा ‘डेमार्श’ था.
इसके साथ भारते ने सीमा पार पाकिस्तानी अग्रिम चौकियों के आसपास आतंकवादियों के जमावड़े में बढ़ोत्तरी की कड़ी निंदा की है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने आज कहा कि मंत्रालय ने कल पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को बुलाया और नियंत्रण रेखा के पास लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन पर अपना विरोध दर्ज कराया.
पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात काउंसलर रैंक के एक अधिकारी को बुलाया गया था.
स्वरूप ने कहा, ‘हमने बताया कि संयम बरतने की अपील के बाद भी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 9 और 15 नवंबर 2016 के बीच 12 बार सीजफायर उल्लंघन किया.’
उन्होंने बताया कि ‘इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने भारतीय चौकियों के खिलाफ आर्टिलरी और 120 मिलीमीटर के भारी मोर्टारों का इस्तेमाल कर तनाव जानबूझकर और बढ़ाया.’
प्रवक्ता ने कहा, ‘ये हिंसक हरकतें 2003 के संघर्षविराम समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है.’
स्वरूप ने बताया कि भारत ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी अग्रिम चौकियों के आसपास आतंकवादियों के जमावड़े में बढ़ोत्तरी की भी कड़ी निंदा की.
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले हफ्ते ही 18 घटनाएं हुई हैं जिसमें आतंकवादियों ने पाकिस्तानी चौकियों की तरफ से भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की और भारतीय चौकियों एवं गश्ती दलों को भी निशाना बनाया.
सरकार ने 9 से 15 नवंबर 2016 के बीच नियंत्रण रेखा से सटे 14 भारतीय गांवों को पाकिस्तानी सेना की ओर से जानबूझकर निशाना बनाने पर भी विरोध जताया.
इन घटनाओं में चार मौतें हुई थीं जबकि 25 घायल हो गए थे. इसके अलावा, संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था और आम लोगों को विस्थापन का शिकार होना पड़ा.
भारत ने सिपाही चंदू बाबूलाल चव्हाण की सुरक्षा और उचित देखरेख को लेकर सरकार की चिंताएं भी दोहराईं.
करीब छह हफ्ते पहले चव्हाण गलती से नियंत्रण रेखा के पार चला गया था. सरकार ने उसे जल्द और सुरक्षित छोड़ने की भी मांग की.