छोटे राजकुमार चिरंजीव गीत की नमो भक्ति के कई किस्से अलग-अलग मौकों पर लिख चुका हूँ. फिर चाहे वो, सवा तीन साल की उम्र में ट्रेन में सफ़र करते हुए, मूंगफली के छिलके बिखेरते सहयात्रियों के बीच अपने ‘मोदी सरकार’ के स्वच्छ भारत अभियान की कैम्पेनिंग का किस्सा हो, या लोकसभा चुनाव के दौरान टीवी पर Narendra Modi की आवाज़ सुन, खेल छोड़कर टीवी के सामने डट जाने का किस्सा हो या, हर-हर मोदी, घर-घर मोदी और अबकी बार, मोदी सरकार के नारे लगाने का किस्सा हो.
पिछले साल गणेश चतुर्थी की बात है सुबह सोकर उठा तो पाया कि दोनों राजकुमारों ने घर सर पर उठाया हुआ है. ‘क्यों भई, अभी तक तैयार नहीं हुए स्कूल के लिए?’
गीत बाबू उवाच- ‘अरे बुद्धू, आज तो छुट्टी है.’
तुरंत याद आया कि आज गणेश चतुर्थी है. बुद्धू बन कहा- ‘कोई छुट्टी-वुट्टी नहीं, जल्दी तैयार होओ.’
‘अरे, आज गणेश जी का जन्मदिन है.’
‘होगा, तुम्हें तो स्कूल जाना ही है, चुपचाप तैयार हो जाओ.’
गीत जी अपने हर वाक्य की शुरुआत, ‘अरे’ या ‘सुनो तो’ से करते हैं. जब देखा अपन नरमी के मूड में नहीं हैं तो बोले- ‘सुनो तो.’
उनके इस अंदाज़ पर अपना रटा-रटाया जवाब होता है, वही दिया- ‘जी, सुनाइए.’
‘आज मोदी सरकार का भी जन्मदिन है.’
‘अरे वाह, तुम्हारे दो-दो दोस्तों का जन्मदिन है तो छुट्टी तो बनती है भाई. चलो करो मस्ती.’
पर गीत साहब की बात अभी पूरी नहीं हुई थी…
‘सुनो तो.’
‘जी, सुनाइए.’
‘मैं अब मोदी सरकार नहीं बोलूंगा.’
‘क्यों?’
‘मैं उनको गणेश मोदी बोलूंगा, वो भी तो भगवान हैं.’
हे ईश्वर, मुझ से ऐसे कौन से पुण्य हो गए, जो ऐसी आत्माओं ने मेरे घर का चुनाव किया, हमारा चुनाव किया माँ-बाप के रूप में….
प्रधानमंत्री जी, जिसके ऐसे भक्त हों उसका कोई क्या बिगाड़ सकता है…. बस एक निवेदन है, गीत बाबू के वोट डालने की उम्र तक पद पर बने रहिएगा ताकि वो भी आपके लिए मतदान कर गौरवान्वित अनुभव कर सके.
आपको लम्बी उम्र की शुभकामनाएं श्री गणेश मोदी.