अपने ज़माने की सुपर डुपर मेगा हिट फिल्म थी जॉनी मेरा नाम…. देवानंद साब की फिल्म थी, जिसे उनके भाई विजय आनंद (Goldy) ने डायरेक्ट किया था.
वो फिल्म, थ्रिलर फिल्मों में मील का पत्थर है। उसकी गिनती बॉलीवुड की महानतम फिल्मों में होती है.
फिल्म का खलनायक प्रेम नाथ है. उसने अपने सगे बड़े भाई (अभिनेता सज्जन) को अपने अड्डे के तहखाने में बरसों से बंद कर रखा है जिसे खोजते हुए उसकी बेटी हेमा मालिनी प्रेम नाथ के अड्डे पर जा पहुँचती है.
फिल्म के क्लाइमेक्स में दोनों भाइयों सज्जन और प्रेमनाथ का संवाद है.
सज्जन पूछता है कि आखिर तुझे मुझसे समस्या क्या है? आखिर मेरा दोष क्या है जो मुझे तू इतनी बड़ी सज़ा दे रहा है?
प्रेम नाथ जवाब देता है- ‘तुम्हारा दोष ये है कि तुम बेहद शरीफ आदमी हो, बेहद ईमानदार हो. और तुम्हारी इस शराफत, इस ईमानदारी ने बचपन से ही मेरा जीना हराम कर रखा है.’
‘शराब तुम नहीं पीते, जूआ तुम नहीं खेलते. अय्याशी रंडीबाजी तुम नहीं करते. तुम्हारी ये शराफत मुझे परेशान करती है.’
‘तुम्हारी अच्छाई मुझे बुरा बनाती है. अगर तुम भी बुरे होते तो मुझे कोई परेशानी न होती.’
भारतीय राजनीति में आज विपक्ष की भी यही समस्या है।
मोदी साल में 365 दिन, प्रतिदिन 18 से 20 घंटे काम करते हैं.
शराब नहीं पीते, अय्याशी रंडीबाजी नहीं करते, भ्रष्ट नहीं हैं.
आगे पीछे कोई बेटा, बेटी, बहू, दामाद, साली, सरहज, भाई, भतीजा, भांजा नहीं है उनका, जिसके लिए वो धन संग्रह करें.
उनका ऐसा कोई रिश्तेदार नहीं है जो दिल्ली की सत्ता के गलियारों में घूम के रोब ग़ालिब करे और दलाली करे.
मोदी की समस्या ये है कि उनको हर सप्ताहांत (weekend) पर अय्याशी करने यूरोप-अमेरिका नहीं जाना है. मोदी की समस्या ये है कि वो कोकीन नहीं पीते.
मोदी की समस्या ये है कि उनको बैंकाक में मालिश कराने का शौक नहीं है.
मोदी की समस्या ये है कि किसी स्विस बैंक में उनका कोई खाता नहीं है.
मोदी की समस्या ये है कि उनके तहखानों में 1000 और 500 की गड्डियाँ नहीं सड़ रहीं.
मोदी की ईमानदारी, मोदी की देश भक्ति, मोदी की वफादारी ही मोदी की सबसे बड़ी समस्या है.
ज़ाहिर सी बात है…. आज की राजनीति में मोदी, अन्य नेताओं (भाजपा समेत) के लिए एक समस्या बन गए हैं.
कड़वा सत्य ये है कि आज मोदी के साथ भारत की जनता के अलावा और कोई नहीं है.
खुद उनके भाजपाई सहयोगी भी नहीं, क्योंकि मोदी ने उन सबको भी पिछली 8 Nov को भिखारी बना दिया है.
सावधान : मोदी की कुर्सी और जान…. दोनों को ख़तरा है. ऐसे में हमको आपको ही उनका रक्षा कवच बनना होगा.