नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने 1000 और 500 रुपए के नोटों पर बैन लगाने से जुड़ी केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से मना कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस बात का हलफनामा दाखिल करने को कहा है कि नोटबंदी के बाद लोगों को परेशानी से बचाने के लिए वह क्या कदम उठा रही है.
कोर्ट ने सरकार से यह भी जानना चाहा है कि लोगों के खाते से पैसे निकालने की सीमा क्यों तय की गई है.
सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र को एफिडेविट दायर कर यह बताने को कहा कि बैन के बाद लोगों को हो रही परेशानियों को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं.
कोर्ट ने अटार्नी जनरल की इस दलील से सहमति जताई कि ब्लैक मनी के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक से लोगों को थोड़ी-बहुत परेशानी जरूर होगी.
सुप्रीम कोएट ने केंद्र को कोई नोटिस जारी किए बगैर ही नोट पर बैन के खिलाफ पिटिशंस की अगली सुनवाई 25 नवंबर को तय की.
सरकार के आठ नवंबर के फैसले के खिलाफ कुल चार पिटिशंस दायर की गई हैं. चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की बेंच इस याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सरकार के अचानक लिए गए इस फैसले से चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई और लोगों को काफी परेशानी हुई है.
उन्होंने मांग की कि ऐसे में आर्थिक मामलों के विभाग की इस नोटिफिकेशन को या तो खारिज कर दिया जाना चाहिये या कुछ समय के लिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को टीवी पर प्रसारित देश के नाम संदेश में पांच सौ और एक हज़ार रुपए मूल्य के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. इसके बाद दो हज़ार और पांच सौ रुपए के नए नोट जारी किए हैं.