मैं 16 मई 2014 से पहले कह रहा हूँ कि 2017 से पहले मोदी का आंकलन मत करना.
मैं पहले से कह रहा हूँ कि मोदी जी का आंकलन पिछले 100 वर्षों में हुए विश्व के राजनैतिज्ञों से मत करना.
मैं पहले से कह रहा हूँ वह सन्यास मार्ग से गृहस्थ मार्ग में भेजा गया नियति पुत्र है.
मैं पहले से कह रहा हूँ, न वह तुम्हारा है न मेरा है.
मैं पहले से कह रहा हूँ कि उसके भारत की प्रकिल्पना के बीच मैं भी आऊँगा तो मेरा सर भी काटने से वह नही हिचकेगा.
मैं पहले से कह रहा हूँ कि वह निर्मोही है.
वह तुमको या मुझे खुश करने के लिए यहां तक नहीं पहुंचा है, वह भारत के लिए पहुंचा है और अपनी शर्तों पर तुमसे हामी करवा कर पहुंचा है.
वह 2017 के लिए नही 2019 के बाद के भारत के लिए पहुंचा है.
वह भारत का प्रारब्ध है.
– अभिषेक त्रिपाठी