मोदी ने बड़ी तबियत से उछाला है यह पत्थर

Anna Hazare Arvind Kejriwal Manish Sisodia
file photo : Kejriwal with Anna at Jantar Mantar

आपको याद है, चार साल पहले आप जंतर मंतर पर टोपी पहन कर खड़े थे… नए जेनरेशन के नए वाले गाँधी को सेलिब्रेट कर रहे थे…

इंसान का इंसान से हो भाईचारा वाले गीत सुन रहे थे… दुष्यंत कुमार की कवितायेँ सुनकर आसमान में सुराख करने में लगे थे…

वो भीड़ छंट गयी… अपने-अपने घर गयी… उनमे से कुछ आपिये निकले, कुछ भक्त बने…

एक वह भीड़ थी जो दिनभर जंतर मंतर पर पिकनिक कर रही थी और अरब-स्प्रिंग की याद दिला रही थी…

और एक यह भीड़ है… जो धैर्य से लाइन में लगकर अपनी मेहनत की कमाई के नोटों में और चोरी की काली कमाई में फ़र्क़ पैदा कर रही है.

आपने क्या सोचा था… जंतर मंतर पर टोपी लगा कर पिकनिक मना लेने से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ ली जायेगी?

लड़ाई में तकलीफ होती है. यह उसी लड़ाई के जख्म हैं जो आप अपनी अगली पीढ़ी को दिखाएंगे…

यह देखो बेटा… हम मोदी के साथ मोर्चे पर खड़े थे. लाइन में, धैर्य से… बहुत से काम रुके… बहुत तकलीफ हुई… बहुत मन को मारा…. तब यह हिंदुस्तान बना है… इसे संभाल कर रखना…

और वह टोपी लगा कर पिकनिक मनाने वालों की जमात रो रही है… उनके आकाश में सुराख हो गया है… मोदी ने यह पत्थर बड़ी तबीयत से उछाला है…

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