लग ही गया ज़ाकिर नाइक के एनजीओ पर बैन

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file photo : Dr Zalir Naik, founder of Islamic Research Foundation

नई दिल्ली. विवादास्पद मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर आखिरकार प्रतिबंध लग ही गया.

बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकी द्वारा जाकिर नाइक के भाषणों का हवाला देने और नाइक की संस्था की जांच में खुलते राज़ के बाद इस कदम की उम्मीद की जा रही थी.

इस वक्त मलेशिया में रह रहे जाकिर नाइक के एनजीओ पर मंगलवार देर शाम पांच साल का बैन लगा दिया गया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगायी गयी.

जाकिर नाइक के संगठन पर यह प्रतिबंध गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत लगाया गया है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस आयुक्त को जाकिर नाइक के संगठन की गतिविधियों की जांच करने तथा इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा था.

सरकार इस संगठन पर सीधे विदेशी चंदा लेने पर पहले ही रोक लगा चुकी है. इस संगठन पर विदेशों से मिलने वाले चंदे का दुरूपयोग करने का आरोप है.

इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) का हेड ऑफिस मुंबई में है. आईआरएफ को खाड़ी देशों से फंड मिलने की बात सामने आई थी. इसके बाद सरकार ने कुछ दिन पहले चंदे पर रोक लगाई थी.

लगभग दो महीने पहले नाइक ने खुलेआम कहा था कि उस पर कार्रवाई का मतलब तमाम मुसलमानों पर हमला होगा.

इस पर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए शिवसेना ने इसे पुलिस और जांच एजेंसियों को धमकी बताते हुए नाइक के खिलाफ कारवाई की मांग की थी.

कांग्रेस और ज़ाकिर नाइक

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Congress leader Digvijay Singh hugging Zakir Naik

कांग्रेस से ज़ाकिर नाइक की नज़दीकियों का आलम यह था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह न सिर्फ ज़ाकिर की जमकर प्रशंसा करते थे बल्कि चार महीने पहले (जुलाई 2016 में) उसके साथ गलबहियां करते सिंह की तस्वीरें भी जमकर वायरल हुई थीं.

हालांकि कुछ ही समय बाद (सितंबर 2016 में) इन नज़दीकियों का राज़ भी खुल गया, जब यह बात सामने आई कि ज़ाकिर नाइक के एनजीओ ने राजीव गांधी फाउंडेशन से संबद्ध संस्था राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को 2011 में 50 लाख रूपए का चन्दा दिया था.

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Congress President Sonia Gandhi with Rahul and Priyanka

बात खुल जाने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने चंदा लिये जाने की बात स्वीकारते हुए दावा किया था कि यह मांगा नहीं गया था.

कांग्रेस ने चंदे की बात को माना लेकिन यह कहा कि आईआरएफ़ ने ये चंदा राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को दिया था न कि राजीव गांधी फ़ाउन्डेशन को. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया की बेटी प्रियंका वाड्रा फ़ाउन्डेशन के ट्रस्टी हैं. कांग्रेस का दावा था कि ये पैसा आईआरएफ़ को लौटा दिया गया था.

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