प्रिय मोदी जी,
आप छुट्टी नहीं लेंगें, आराम नहीं करेंगे, लगातार काम करेंगे, रात को 3 बजे तक केबिनेट मीटिंग करेंगे, 18 घंटे के सफ़र के बाद सुबह 6 बजे दिल्ली पहुँच कर 9 बजे ऑफिस में अपना कार्ड पंच करेंगे……..!
मोदी जी, आपकी ये ज़िद सही नहीं है… आपको थका हुआ देख कर हम सब सहम जाते हैं… आपकी भावुकता हमको अंदर तक द्रवित कर देती है….. अब आपका जीवन हमारे लिए अनमोल बन चुका है……!
आपको महात्मा गांधी जी जैसा थोड़ा स्वार्थी बनना चाहिए…. भगत सिंह को फांसी चढ़ने से नहीं रोकना, नेहरू को पीएम बनाना, आंबेडकर को पार्टी से निष्कासित करने जैसे कई निर्णय लिए थे…..!
आप लगा लो शर्त…… जब आप पीएम नहीं रहोगे तो भारत की जनता और सारी पार्टियां आपको भूल जाएँगी….!
लेकिन आप तो नरेंद्र मोदी है….. न भगत सिंह ने अपनी माँ की सुनी थी, न चंद्र शेखर आज़ाद ने सुनी, न राजगुरु ने सुनी, न सिंगापुर के मोदी ने सुनी…. और न ही आप सुनोगे…. आखिर आप में तो वो ही DNA है… जो कहता है-
सरफरोशी की तमन्ना… अब हमारे दिल में है…..
देखना है ज़ोर कितना बाजू – ए – कातिल में है…!
( यहाँ कातिल से कवि का आशय… कांग्रेस, वाम, एसपी, माया, ममता, आप, डीएमके, एनसीपी, एनसी….. आदि आदि आदि… से है)