गंभीर रोगों का उपचार प्रायः कष्टदायक होता है, और भले ही रोग किसी एक अंग का हो, पीड़ा पूरे शरीर को ही होती है.
परिस्तिथियाँ सामान्य होने में समय लगेगा, और तब तक हमें स्थिर संकल्प के साथ इस दायित्व का वहन करना पड़ेगा. तब तक मेरा आप सबसे निवेदन है कि:
1. कतार में अपने साथ के लोगों की क्षमता अनुसार सहायता करें. किसी का फॉर्म भरने, खाने-पीने का सामान बाँटने, अथवा आस-पास के लोगों से बात करने जैसे छोटे प्रयास सभी का मनोबल बढ़ाने का कार्य करते हैं.
2. जिन्हें आपातस्थिति में नकद प्राप्त करना हैं, उन्हें कतार में आगे जाने दें. वयोवृद्ध, दिव्यांगों, इत्यादि के स्थान पर आप कतार में लगने का प्रस्ताव दें. याद रखें, वह जो कतार में आपके साथ खड़े हैं, काले धन के विरुद्ध युद्ध में आपके साथी हैं.
3. अपने व्यय सावधानी से आंकलित करें. बैंक और ATM तभी जाएँ जब नकद की आपको आवश्यकता हो. साथ ही अपने परिचितों के साथ अपना अतिरिक्त नकद बाँटें जो स्तिथि सामान्य होने पर वे लौटा सकते हैं. अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान करने का प्रयास करें.
4. अफवाह न फैलाएं, न उससे प्रभावित हों.
5. बैंक में शांति और सदभाव के साथ अपना कार्य निष्पादित करें. याद रखें, बैंक के कर्मचारी छुट्टी के दिन भी इस महान कार्य को सुगम एवं सफल बनाने के लिए आये हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है.
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– जनरल वी के सिंह की फेसबुक पोस्ट से साभार