कोबे. जापान में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा ऐलान किया. इस ऐलान के बाद भारत की राजनीति और राजनीतिक बिरादरी में खलबली मचना तय माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आज़ादी के बाद के सारे रिकॉर्ड की जांच करवाऊंगा. इसकी जांच के लिए जितने लोगों को लगाने की जरूरत होगी, लगाऊंगा. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
शनिवार को यहां एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कालेधन को बाहर निकालने के लिए और कदम उठाने का संकेत दिया.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास बेहिसाबी धन है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि 30 दिसंबर के बाद और कदम नहीं उठाए जाएंगे.
प्रधानामंत्री ने कहा, सरकार ने लोगों को पुराने नोट जमा कराने के लिए 30 दिसंबर तक का ही समय दिया है. उन्होंने ईमानदार लोगों को भरोसा दिलाया कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी.
उन्होंने कहा, मैं एक बार फिर यह घोषणा करना चाहूंगा कि इस योजना के बंद होने के बाद इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कालाधन रखने वालों को ठिकाने लगाने के लिए (दंड देने के लिए) कोई नया कदम नहीं उठाया जाएगा.
पीएम ने कहा, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं यदि किसी बेहिसाबी चीज का पता चलता है, तो मैं आजादी के बाद के सारे रिकॉर्ड की जांच करवाऊंगा. इसकी जांच के लिए जितने लोगों को लगाने की जरूरत होगी, लगाऊंगा. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा, ईमानदार लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. जो मुझे जानते हैं वे समझदार भी हैं. उन्होंने इसे बैंकों के बजाय गंगा में डालना बेहतर समझा.’
उनका इशारा इन रपटों पर था कि बंद किए जा चुके 500 और 1,000 के नोट गंगा नदी में प्रवाहित किए गए हैं. मोदी ने इसे ‘स्वच्छता अभियान’ करार दिया.
उन्होंने कहा कि आठ नवंबर को इस घोषणा के बाद लोगों द्वारा परेशानी का जिस चुनौतीपूर्ण तरीके से सामना किया गया है वह काबिले तारीफ है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं अपने देश के लोगों को सलाम करता हूं. लोग चार से छह घंटे तक लाइन में खड़े हुए हैं लेकिन उन्होंने राष्ट्रहित में इस फैसले को स्वीकार किया जैसा कि 2011 की आपदा के बाद जापान ने किया था.
उन्होंने कहा, मैं लोगों के समक्ष आने वाली परेशानियों पर लंबे समय तक विचार किया लेकिन इसे गोपनीय रखना भी जरूरी था. इसे अचानक किया जाना था, लेकिन मुझे कभी यह नहीं पता था कि इसके लिए मुझे शुभकामनाएं मिलेंगी.
मोदी ने कहा, मैं प्रत्येक और हर भारतीय को सलाम करता हूं. कई परिवारों में शादियां हैं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें असुविधा हो रही है, लेकिन उन्होंने फैसले को स्वीकार किया है.
सरकार की कार्रवाई की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि एक वर्ग लोगों को उनके खिलाफ बोलने के लिए उकसा रहा है लेकिन लोगों ने राष्ट्रीय हित में फैसले को स्वीकार किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, कानून सभी के लिए समान होना चाहिए. लोग इस बात को लेकर खुश हैं कि मोदी का 1,000 का नोट भी अब नहीं चलेगा.
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि दुनिया इस बात को स्वीकार कर रही है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में है. देश को ऐतिहासिक रूप से काफी ऊंचा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिल रहा है.
मोदी ने कहा, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक सभी एक आवाज में बोल रहे हैं. आईएमएफ ने कहा है कि भारत उम्मीद की किरण है. विश्व अर्थशास्त्री मानते हैं कि भारत सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, मेरी एफडीआई की अपनी परिभाषा है. पहली परिभाषा है कि पहले भारत का विकास करो, दूसरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले दो साल में सरकार की विभिन्न पहल से 1.25 लाख करोड़ रुपये का कालाधन बाहर आया है.