कितना सुख छिपा है, कई दिनों बाद मिले इन नोटों में ..
आज दिन भर, देश भर के बैंककर्मी इस प्रयास में लगे रहे कि देश की जनता को उनकी ज़रुरत का धन मिले. उनके पास रखे अप्रचलित कर दिए गए नोटों को बदल दिया जाए.
सुबह से ही लखनऊ में बैंकों की शाखाओं के सामने बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे. सभी बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस सेवा को प्रभावी रूप से प्रदान करने के लिए उचित रणनीति बना ली थी.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रचलन में आने वाली नई करेंसी की मुस्तैदी से, समय रहते व्यवस्था की और बैंकों ने भी अपने करेंसी चेस्टों के माध्यम से सभी शाखाओं में इसे समय से पूर्व पहुँचा दिया था.
इस यज्ञ में बहुत छोटी सी भूमिका मेरी भी थी. कई शाखाओं का दौरा किया, वहाँ स्टाफ और जनता की यथा संभव सहायता की.
सब जगह जनता का रुख बहुत सहयोगी मिला.
कतारों में खड़े लोग बिलकुल नाराज़ और परेशान नहीं थे. हर व्यक्ति का मत था, मोदीजी का कदम देश हित में है, हम कष्ट उठा कर भी सहयोग करेंगे.
अगले दो चार दिनों में सब कुछ बिलकुल सामान्य हो जाएगा. आज जनता ने बैंक कर्मियों की चुस्ती और सेवा भावना को देख लिया. हमने जनता का धैर्य और स्नेहशीलता देखी.
जनता की सेवा के बाद अपनी जेब को टटोला तो मात्र 62 रुपये थे. अपने खाते से भी छोटी सी राशि निकाली.
वे पुराने दिन याद आए जब सौ के नोट बहुत आकर्षक लगते थे.
ख़ास बात : कुछ लड़कियों ने 2000 का नोट लेते ही चूम लिया. उनका कहना था कि इसे गुलाबी- मैजंटा रंग देकर मोदी जी ने स्त्रियों की पसंद का सम्मान किया है. हम सब मुस्कुरा दिए. बच्चियाँ खुश थीं.