नमक हलाली और नमक हरा*** जैसे शब्द ऐसे ही मौकों के लिए बने हैं शायद, इसलिए काले धन के इलाज के लिए मोदीजी का ठोस कदम लोगों को हजम नहीं हो रहा… और उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश के कई शहरों में विशेष समुदाय के लोगों द्वारा नमक की खरीदारी से हड़कंप मचा है.
कई शहरों में नमक की कीमत शुक्रवार की नमाज के बाद सौ रूपये किलो से ऊपर कूद गई. हालांकि कई लोग इसे कोरी अफवाह कह रहे हैं, लेकिन कुछ टीवी कार्यक्रम में किसी “विशेष समुदाय” को नमक की बोरियां खरीदते हुए दिखाया जा रहा है.
यूपी के धामपुर सहित उत्तराखंड के काशीपुर में नमक का स्टॉक खत्म हो गया. नमक की अचानक बिक्री से व्यापारियों के होश उड़ गए.
इसकी गहराई में काफी पहुंचने का प्रयास किया गया, लेकिन नमक की खरीदारी के पीछे क्या राज छिपा है, उजागर नहीं हुआ. कुछ लोग इसे “विशेष समुदाय” की सोची समझी रणनीति मान रहे हैं. देखना यह है कि आखिर में इसका निष्कर्ष क्या निकलेगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि नमक मिर्च की खरीदारी मुस्लिम समुदाय में एकता का प्रतीक माना गया है, इसे मोदी सरकार के खिलाफ एकता जुटाने के लिए मुस्लिमों का बड़ा स्टेप माना जा रहा है.
माना जा रहा है कि पांच सौ व एक हजार के नोट बंद होने के बाद आतंकियों की फंडिंग खत्म होने के बाद मुस्लिम समुदाय भड़क रहा है.
वास्तव में नमक पर टैक्स न होने के कारण ब्लैकमनी होल्डर्ज़ ने नमक का स्टॉक आज बड़ी मात्रा में भरा है और उसके बाद आज बाज़ार में अफ़वाह है कि नमक 200/किग्रा हो गया है जबकि ऐसा नहीं है. जनता से अनुरोध किया जा रहा है इस प्रकार की अफ़वाहों पर बिलकुल ध्यान न दें.
नोट – नमक महँगा नहीं हुआ बल्कि नमक पर टैक्स न होने के कारण ब्लैकमनी वाले उसे वाइट मनी में कन्वर्ट कर रहे हैं स्टॉक करके.
सावधान! होशियार, नमक महंगा नहीं हुआ, बेवकूफ न बनें
पूरे देश में एक सुनियोजित तरीके से नमक खत्म अथवा महंगा होने की अफवाह फैलाई गई है, जो पूरी तरह निराधार है. इसके पीछे साजिश यह है कि लोगों के पास रखे हुए खर्चे भर के पैसों (100 व 50 के नोट) को नमक बेचकर अपने कब्जे में कर लिया जाए और लोगों का बेवकूफ बना दिया जाए.
सोचिए, वर्ना नमक ही को लेकर अफवाह क्यूं फैलाई गई? सतर्क रहें, सावधान रहें.
अर्थशास्त्र का नियम है, किसी भी वस्तु की डिमांड उसकी कीमत को बढ़ा देती है और बाजार में उस वस्तु का अभाव भी कर देती है.
ऐसे में मुंह मांगी कीमत पर नमक खरीदना क्या अकलमंदी है? खाने भर के पैसे नहीं रहेंगे तो क्या सिर्फ नमक चाटेंगे?