मेरे परिवार में मेरे समेत चार लोग बैंक में हैं और प्रायः हर बैंक में कोई न कोई मित्र या परिचित अच्छे पद पर हैं. बैंक यूनियनों में कई मित्र भी हैं पर मोदी जी द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा करने तक न तो हमें और न ही हमारे किसी उच्चाधिकारी को इसकी भनक थी कि ऐसा कुछ होने वाला है.
और जहाँ तक मेरा अंदेशा है बैंकों के सबसे उच्च पदस्थ अधिकारी तक को आधिकारिक घोषणा से पहले तक इसकी कोई खबर नहीं थी.
संभवतः आज रात में रिज़र्व बैंक सारे बैंकों के प्रमुखों को दिशा निर्देश देंगे और फिर सुबह तक हमें भी निर्देश मिलेगा कि आगे क्या और कैसे करना है.
एक बैंकर जानता है कि जाली नोट देश में कितनी बड़ी समस्या है और खासकर नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्यों में तो यह बहुत विकराल रूप में व्याप्त है.
अवैध हथियार, नशे के सामान और लड़कियों की तस्करी सब जाली नोट के कारण ही फलते-फूलते हैं, बांग्लादेश और नेपाल में ISI ने अरबों-खरबों रूपए के जाली नोट फैला रखे हैं जिसे भारत में भेजने के लिये कई संगठित गिरोह सक्रिय हैं.
मोदी जी इस कदम ने ISI के अरबों के जाली नोटों को एक मिनट में रद्दी में बदल दिया और उनकी सारी दूरगामी रणनीति बिगाड़ कर रख दी.
आज की रात कईयों पर भारी पड़ेगी, ISI और पाकिस्तान के आका रात भर बेचनी से इधर-उधर टहलेंगे, काला धन जमा करने वालों को हर्ट-अटैक आयेगा, सीमा पर गाय, नशीली वस्तु और लड़कियों की तस्करी करने वाले बेचैन होकर भारत से भागेंगे और आतंकवाद उद्योग की तो आर्थिक रूप से कमर ही टूट जायेगी.
आने वाले 50 दिन हम बैंकरों के लिये भारी है, हजारों की भीड़ को संभालना और फिर उन्हें अच्छी सर्विस देना बहुत बड़ी चुनौती है फिर भी इस कष्ट में आनंद है, हमारे लिये आने वाले दिन भले काम के बोझ से भारी हों पर देश के लिये सुखद भविष्य की राह प्रशस्त करने के श्री Narendra Modi जी के अभियान का सिपाही बनने की ख़ुशी भी है.
इतना पारदर्शी और दूरदर्शी कदम उठाने के लिये बहुत बड़ा हौसला चाहिए था जिसे श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिखाया है. भारत आपका फिर से ऋणी है मोदी जी.