भूतकाल में बात करने में क्रियापद के अनेकानेक रूप प्रयुक्त करने पड़ते हैं. उन सबका स्मरण रखना बहुत कठिन होता है.
अतः सरलीकरण के लिए कहने का सामान्य भूतकाल का ढँग बदलने से, याने क्रिया को संज्ञा के रूप में प्रयुक्त करने से संस्कृतसम्भाषण अत्यन्त सरल हो जाता है. यह तीनों पुरुषों में समान है. वचन एवं लिंग के अनुसार मात्र रूप बदलता है.
उदाहरणार्थ —
अहम् अगच्छम् (मैं गया) — अहं गतवान्.
त्वं अगच्छः (तू गया) — त्वं गतवान्.
सः अगच्छत् (वह गया) — सः गतवान्.
भवान् अगच्छत् (आप गये) — भवान् गतवान्.
रामः अगच्छत् (राम गया) रामः गतवान्.
स्त्रीलिंग में –
अहं गतवती.
त्वं गतवती.
सा गतवती.
भवती गतवती.
सीता गतवती.
बहुवचन में —
सभी स्थानों पर ‘गतवान्’ के स्थान पर ‘गतवन्तः’ का प्रयोग करें. गतवती के स्थान पर गतवत्यः.
वयं गतवन्तः. यूयं गतवन्तः. ते गतवन्तः.
बालका: गतवन्तः. बालिकाः गतवत्य:.
देखा ?
सभी पुरुषों में एकवचन पुल्लिंग में – ‘गतवान्’,
सभी पुरुषों में एकवचन स्त्रीलिंग में – ‘गतवती’
सभी पुरुषों में बहुवचन में पुल्लिंग में – ‘गतवन्तः’ और
सभी पुरुषों में बहुवचन स्त्रीलिंग में – ‘गतवत्य:’
इन चार क्रियापदरूपों का प्रयोग करते हुए हम सामान्य भूतकाल मे सहज ही वार्तालाप कर सकते हैं.
- मुकुन्द हम्बर्डे
पहले की कक्षा के पाठ –
संस्कृत कक्षा -1 : शुरू करो संस्कृताक्षड़ी लेके प्रभु का नाम
संस्कृत कक्षा-2 : वर्तमान काल में एकवचन और बहुवचन का प्रयोग
संस्कृत कक्षा – 4 : तीन पुरुष और उनका उपयोग