वाराणसी. बीते साल अखलाक़ मामले में अवार्ड वापसी करने वालों में शामिल शायर मुनव्वर राना को भोपाल में हुए सिमी आतंकियों के एनकाउंटर पर शक़ है.
वाराणसी में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए मुनव्वर ने पत्रकारों से कहा कि एनकाउंटर में जब तक 5-10 पुलिसवाले और 15-20 लोग ना मारे जाए, तब तक एनकाउंटर कैसा? पहले भी इस तरह के एनकाउंटर होते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आजकल लोगों की मांग पर एनकाउंटर होने लगे हैं. लोगों की मर्जी से फांसी दे दी जाती है.
राना ने कहा कि किसी की जेब से ऊर्दू में लिखा खत मिल जाता है तो उसे आतंकी करार दे दिया जाता है. यह सब राजनेताओं को खुश करने के लिए किया जाता है.
गौरतलब है कि मुनव्वर राना का यह बयान भोपाल में जेल तोड़कर भागे सिमी के आठ संदिग्ध आतंकियों के एनकाउंटर के संबंध में था.
मुनव्वर ने पिछले साल असहिष्णुता के मुद्दे पर अवार्ड भी लौटा दिया था. इस बारे में उन्होंने कहा कि देश में अभी भी यह माहौल है.
अवार्ड वापस करने पर उन्होंने कहा कि वे अपनी बात पर कायम हैं. वे अब कभी भी भविष्य में सरकारी सम्मान नहीं लेंगे.
उन्होंने कहा कि सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए. नरेंद्र मोदी सर्जिकल स्ट्राइक को कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ा रहे हैं. सेना के काम पर राजनीति करने की जरुरत नहीं है.
कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बातचीत से ही इस समस्या का हल निकल सकता है. बंदूक के साये में कोई मसला हल नहीं होता.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर उनका कहना था कि जो अपने बाप और चाचा का नहीं हुआ, वो प्रदेश का क्या होगा? अखिलेश को अपने पिता और चाचा का आशीर्वाद लेना चाहिए.
राना ने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने की भी पैरवी की. उन्होंने कहा कि कलाकारों के काम करने में कोई बुराई नहीं है. फिल्मों के साथ ही हॉकी और क्रिकेट के मैच भी होने चाहिए.