देश के 80 करोड़ लोगों को मिलेगा सस्ता गेहूं-चावल, केरल और तमिलनाडु ने भी लागू किया खाद्य सुरक्षा क़ानून

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नई दिल्ली. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून इस महीने से पूरे देश में लागू होने के साथ देश के 80 करोड़ आबादी को सस्ती दर पर गेहूं और चावल मिलने का रास्ता साफ हो गया.

संसद से 2013 में पारित इस कानून को केवल दो राज्य केरल और तमिलनाडु इसे लागू करने में पीछे छूट गए थे और उन्होंने भी नवंबर से इसे लागू कर दिया है.

सस्ती दरों पर खाद्य सामग्री देने की कानूनी गारंटी वाले इस कार्यक्रम पर सरकार का सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपये का सब्सिडी खर्च आएगा.

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को ये अहम जानकारी साझा की. पासवान का कहना था कि केन्द्र सरकार एक पुख्ता व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है.

इसके तहत केन्द्र सरकार हर साल हर महीने 45.5 टन अनाज राज्यों को मुहैया करवाएगी और सालाना 1 लाख 40 हजार करोड़ की सब्सिडी राज्यों को देगी जिससे 80 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को फायदा होगा.

इस कानून को लागू करने के बाद सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है राशन की चोरी और कालाबाजारी को रोकना.

इसके लिए जिन 80 करोड़ लोगों को राशन मिलना है देश भर में उनकी सूची को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है. साथ ही हर सरकारी गोदाम में अनाज की एंट्री आनलाइन होगी.

इसके अलावा सरकार ये भी कोशिश कर रही है कि जरूरतमंद लोगों के बैंक अकाउंट में सब्सिडी का पैसा सही तरीके से ट्रांसफर हो.

वहीं, केन्द्र सरकार ने ये भी साफ किया कि राज्यों को भेजा गया सब्सिडी का राशन रखा नहीं जाना चाहिए बल्कि जल्द ही जनता को बांटा जाना चाहिए.

साथ राज्यों को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अगर राज्य की सरकारों को राशन बटवाने में दिक्कत आ रही है तो केन्द्र सरकार पोस्ट ऑफिस के जरिए राशन भी बंटवाएगी.

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