‘अनुभवी तो भारतीय नेतृत्व भी नहीं, किसी अंग्रेज़ को बना दें प्रधानमंत्री!’

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Field Marshal Cariappa in deep discussion with Jawaharlal Nehru, Photo Courtesy : PMO, South Block

स्वतंत्र भारत का थल सेना प्रमुख चुनने के लिए जवाहरलाल नेहरू ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई.

बैठक में नेहरु ने कहा – “क्योंकि हमारी सेना में कोई भी अधिकारी इतना अनुभवी और सक्षम नहीं कि उसे सेना प्रमुख बनाया जाए.”

उन्होंने कहा – “मैं इसके पक्ष में हूँ कि अंग्रेज़ सेना का कोई अधिकारी इस पद को प्राप्त करे.”

रक्षा मंत्री बलदेव सिंह ने भी नेहरू की हाँ में हाँ मिलायी.

इस पर मेजर जनरल नाथू सिंह राठोड़ खड़े हुए और कहा – “श्रीमान, मेरे अनुसार हमारे नवजात देश में नेतृत्व करने का अनुभव भी किसी भारतीय में नहीं आया है. क्यों न हम यह प्रधानमंत्री का पद भी किसी अंग्रेज़ को सौंप दें?”

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सन्न सभा में लज्जित नेहरु ने क्रोधित हो कर पुछा – “तो आप सक्षम हैं यह पद संभालने के लिए?”

राठोड़ ने विनम्रता से प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा – “श्रीमान, मैं क्यों? सभा में उपस्थित जनरल करियप्पा से अधिक योग्य व्यक्ति नहीं हो सकते इस पद को संभालने के लिए. कृपया यह न कहें कि इतने महत्वपूर्ण पद के लिए हमारे देश में योग्य व्यक्ति नहीं हैं.“

सभागार सभी उपस्थित गणों की हर्षध्वनि से गूँज उठा. इस प्रकार फील्ड मार्शल करियप्पा भारतीय सेना के प्रमुख बने.

विदेश राज्यमंत्री जनरल (रि.) वी के सिंह की फेसबुक पोस्ट

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