चिकित्सा शास्त्र में अनेक औषधियां हैं. जिनके सेवन से आप स्वस्थ्य और दीर्घायु रह सकते हैं. लेकिन धर्मशास्त्रों में भी कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें आजमाकर आप स्वस्थ हो सकते हैं.
इन उपायों को मानना या न मानना आप पर निर्भर करता है. लेकिन इन्हें आजमाने से काफी कुछ हद तक सकारात्मक परिणाम मिलते हैं.
हाथों और पैरों पर बकरी का दूध मलने से अनिद्रा रोग दूर हो जाने की पूरी संभावाना रहती है.
रक्तचाप की दशा में पांचमुखी रुद्राक्ष की माला गले में धारण करें. ध्यान रखें यह माला हृदय के पास तक जानी चाहिए.
पीपल के पत्ते या छाल बारीक पीसकर, उसमें शहद मिलाकर छालों पर लेप करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं.
यदि कोई रोग ठीक नहीं हो रहा हो तो रोगी के तकिए के नीचे सहदेई (सहदेई को अंग्रेजी में एश कलर्ड फ़्लिबिन कहते हैं सहदेई या सहदेवी एक छोटा सा कोमल पौधा होता है जो एक फुट से साढ़े तीन फुट तक की ऊंचाई का होता है. पौधा भले ही कोमल हो लेकिन इसका तंत्र शास्त्र और आयुर्वेद में काफी महत्व है.)
पीपल की जड़ रखने से रोग ठीक होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है. हालांकि डॉक्टरी इलाज भी जारी रखें.
यदि कोई काफी समय से रोगग्रस्त हो तो वह अपने पूजास्थल में किसी ज्योतिषाचार्य की अनुमति और उनके सानिध्य में ‘श्री महामृत्युंजय यंत्र’ की स्थापना करें. साथ ही महामृत्युंजय मंत्र {ऊं नमः शिवाय} का जप करते रहें.
यदि आपको चक्कर आते हैं तो रविवार या मंगलवार को गुलाबजल में 2 माशा गोरोचन ( शास्त्रों में तीन प्रकार की अष्टगन्ध का दूसरे प्रकार की अष्टगन्ध में अधोलिखित आठ पदार्थ होते हैं कुंकुम, अगर, कस्तुरी, चन्द्रभाग, त्रिपुरा, गोरोचन, तमाल, जल आदि. गोरोचन भी इन्हीं में से एक है.) पीसकर सेवन करें.
मखानों को घी में भूनकर खाने से दस्तों (अतिसार ) में बहुत लाभ होता है. मखाने की शर्करा रहित खीर बनाकर उसमें मिश्री का चूर्ण डालकर खिलाने से प्रमेह में लाभ होता है. एक से तीन ग्राम मखानों को गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से पेशाब के रोग दूर हो जाते हैं .
बालों के झड़ने से परेशान हैं और इसके लिए किसी कारगर उपाय की तलाश में हैं तो रोज सर्वांगासन का अभ्यास करें. इस आसन की मदद से थायरॉइड ग्लैंड नियंत्रित होता है और सिर तक रक्त का संचार अच्छी तरह होता है. इसी कारण इस आसन के नियमित अभ्यास से बालों के झड़ने को नियंत्रित किया जा सकता है.
इसके अलावा, इस आसन का नियमित अभ्यास पाचन संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है और शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है व याददाश्त तेज रहती है.