सेना को लेकर ओछी राजनीति न करें राहुल, उनके तथ्य भी गलत : रविशंकर

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नई दिल्ली. सेना के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे राहुल गांधी के पत्र को लेकर सरकार ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को जवाब दिया है.

केंद्र सरकार ने राहुल गांधी के तथ्यों को गलत बताते हुए कहा है कि वह सेना के मुद्दे को ओछी राजनीति का हिस्सा ना बनाएं.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, पहली बात तो यह है कि राहुल गांधी तथ्यों को लेकर गलत हैं, लेकिन बड़ा मुद्दा उन्हें यह बताना है कि सेना देश की महत्वपूर्ण संस्था है.

प्रसाद ने कहा, भारत को सुरक्षित रखने के लिए वह संवेदनशील काम कर रही है. मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि वह सेना को तु्च्छ राजनीति का मुद्दा ना बनाएं.

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ का फैसला लिया. इससे सरकारी खजाने पर सालाना दस हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ा है.

राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, जहां तक समानता की बात है, यह नियम 1998-99 से चला आ रहा है. इस संबंध में मोदी सरकार कोई नई नीति लेकर नहीं आई है.

प्रसाद ने कहा, जहां तक स्लैब सिस्टम पर पेंशन पेमेंट की बात है तो यह पे रिव्यू कमिटी की सिफारिश है, जिसे सरकार ने स्वीकार नहीं किया है.

उन्होंने कहा, सरकार ने इसे विसंगतियों को सुलझाने वाली कमिटी के पास भेजा है. मुद्दा सुलझाए जाने तक विकलांगता पेंशन की गणना पुराने यानी प्रतिशत के सिस्टम से ही होती रहेगी.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सैनिकों के कल्याण के लिए काम करने के मोदी सरकार के संकल्प पर सवालिया निशान लगाते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था.

इस पत्र में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि वह पिछले कुछ हफ्तों में सरकार के कुछ निर्णयों से दुखी हैं.

उन्होंने लिखा, हमारे सैनिकों द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने के महज कुछ दिन बाद विकलांगता पेंशन प्रणाली नई स्लैब व्यवस्था में बदल दी गई. इससे विकलांगता की स्थिति में इन बहादुर सैनिकों की पेंशन बहुत घट गई है.

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