लाहौर. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सेना के दबाव में अपने करीबी मंत्री को हटाना पड़ा है.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री परवेज राशिद को डॉन अखबार में छपी सेना और सरकार के मतभेद की खबर के लिए जिम्मेदार मानते हुए हटा दिया है.
माना जा रहा है पाकिस्तान की सेना परवेज राशिद से खुश नहीं थी. पीएम के प्रवक्ता मुसादिक मलिक ने बताया कि शुरुआती सबूत राशिद के खिलाफ हैं जिसमें हाई प्रोफाइल मीटिंग की जानकारी लीक हुई.
राशिद को हटाए जाने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, ‘अब तक मिले सबूतों से ऐसा लगता है कि इस मामले में सूचना मंत्री से गलती हुई है. इसीलिए जांच पूरी होने तक उन्हें अपना पद छोड़ने के लिए कहा गया है.’
मलिक ने राशिद को हटाए जाने की जानकारी देते हुए कहा, ‘विवादास्पद खबर लीक होने पर जांच कई दिनों से जारी है जो अब अंतिम दौर में है.’
उन्होंने कहा, जल्द ही मीडिया को इसकी जानकारी दे दी जाएगी. द डॉन (पाकिस्तानी अखबार) के रिपोर्टर को खबर लीक करने वाला सामने होगा.’
गौरतलब है कि ‘द डॉन’ अखबार में रिपोर्टर सिरिल अलमिदा ने खबर लिखी थी कि भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से सेना और सरकार के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है.
इसके बाद सेना के बयान जारी किया था जिससे साफ था कि सेना खबर लीक होने के लिए नवाज शरीफ को जिम्मेदार मानती है.
परवेज राशिद पीएम नवाज शरीफ के करीबी रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार ऐंटी-आर्मी खबरें मीडिया में राशिद की सहमति के बिना लीक नहीं हो सकती.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के लीडर और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने राशिद को हटाने का समर्थन करते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ शरीफ का दरबारी गया है. धीरे-धीरे सभी जाएंगे.
दरअसल, ये पूरा मामला पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद शुरू हुआ.
पाकिस्तानी पत्रकार सिरिल अलमाइदा ने डॉन अखबार में सेना और सरकार के बीच मतभेद को लेकर एक खबर छापी थी.
खबर में कहा गया था कि अक्टूबर में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में सेना और सरकार के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक उस बैठक में नवाज शरीफ ने कहा था कि सेना आतंकियों पर कार्ऱवाई करे वरना पाकिस्तान दुनिया में अलग थलग पड़ जाएगा.
अब राशिद पर हुई कार्रवाई से साबित हो गया है कि सेना और सरकार के बीच मतभेद की डॉन अखबार की खबर गलत नहीं थी.