नई दिल्ली. पार्टी के प्रथम परिवार में मचे घमासान में उलझी मुलायम पार्टी यानी समाजवादी पार्टी के लिए एक और बुरी खबर आई है. पाकिस्तान जासूसी रैकेट मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अब जिस संदिग्ध को गिरफ्तार किया है, वह सपा नेता और सांसद का पीए बताया जा रहा है.
दिल्ली पुलिस ने अब तक इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. जासूसी रैकेट मामले में गिरफ्त में आए शख्स का नाम फरहद है, जो उत्तरप्रदेश का रहने वाला है.
पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि फरहद समाजवादी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम का पीए है. फिलहाल क्राइम ब्रांच फरहद से पूछताछ कर रही है.
यूपी के मंत्री आज़म खान के बेहद करीबी चौधरी मुनव्वर सलीम ने अपने पीए फरहद को हटा दिया है और राज्यसभा सचिवालय से अनुरोध किया है कि सांसद के पीए के तौर पर बनाए गए उसके पहचान पत्र को रद्द कर दिया जाए.
उर्दू अखबार चलाने वाले सांसद सलीम के पीए फरहद पर विदेश मंत्रालय, रक्षा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जुड़े दस्तावेज महमूद अख्तर को देने का आरोप है. इसके लिए फरहद को 2 लाख रुपए भी दिए गए थे.
मुलायम सिंह की पार्टी के नेता मुनव्वर सलीम और सांसद के पीए फरहद को क्राइम ब्रांच ने हिरासत में लिया है. क्राइम ब्रांच फरहत को दिल्ली में मुनव्वर सलीम के सरकारी आवास से हिरासत में लिया.
पूछताछ में पाक उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर ने बताया है कि फरहद बीते ढाई साल से उसे ये दस्तावेज सौंप रहा था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पीए फरहद को जो 2 लाख रुपए इसके लिए दिए गए थे वह किश्तों में दिए गए थे. महमूद अख्तर से फरहत का परिचय सांसद के पूर्व पीए फियाज ने कराया था.
महमूद अख्तर की सीडीआर में फरहद का नंबर मिला था और इसके बाद उसके साथ पूछताछ की गई.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सांसद का पीए अगर दोषी है तो उसपर केस दर्ज कर कानून के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए.
इससे पहले जासूसी रैकेट मामले में शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने शोएब नामक एक शख्स को मेड़ता रोड रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था.
जटिया बास निवासी शोएब जोधपुर में लोगों के पासपोर्ट बनवाने के साथ ही हनी ट्रैप में इस्तेमाल के लिए लड़कियों की भी तलाश करता था.
दरअसल शोएब ऐसी लड़कियों की तलाश में रहता था जो पाकिस्तान जाना चाहती थी लेकिन किसी वजह से उन्हें पाकिस्तान का वीजा नहीं मिल पाता था.
पासपोर्ट-वीजा के काम के दौरान ही शोएब पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी महमूद अख्तर के संपर्क में आया था.
इस मामले में गिरफ्त में आए नागौर के मौलाना रमजान को सबसे पहले शोएब ने अपने जाल में फंसाया था. मौलाना ने पैसों के लालच में ही सुभाष जांगीड़ को भी अपने साथ जोड़ लिया था.
क्राइम ब्रांच को उम्मीद है कि फरहत से पूछताछ में इस रैकेट के बारे में अभी और कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.