तीन तलाक के बाद ‘हलाला’ के लिए दोस्त से कराया बीवी का रेप

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जयपुर. मुसलमानों में प्रचलित तीन तलाक की प्रथा पर देश भर में चल रही बहस के बीच इस मज़हब से जुड़े रिवाजों का घिनौना रूप सामने आया है.

राजस्थान की राजधानी जयपुर की एक महिला का आरोप है कि उसके पति ने निकाह-ए-हलाला के बहाने उसे अपने दोस्त से उसका रेप करवाया.

बता दें कि सिर्फ इस्लाम में पाए जाने वाले रिवाज़ हलाला में तलाक के बाद यदि पूर्व पति दुबारा अपनी बीवी से शादी करना चाहता है तो बीवी को किसी गैर मर्द के साथ निकाह कर शारीरिक संबंध बनाना पड़ते हैं. इसके बाद उस मर्द से तलाक़ लेकर ही उसकी शादी पूर्व पति से हो सकती है. इस तरह के निकाह को इस्लाम में निकाह-ए-हलाला कहते हैं.

जयपुर की इस 42 वर्षीय मुस्लिम महिला ने अपने पति के दोस्त पर रेप का मामला दर्ज करा दिया है. महिला के अनुसार उसके पति ने निकाह-ए-हलाला के बहाने उसे अपने दोस्त से उसका रेप करवाया.

पीड़िता ने एक अखबार को बताया कि वो शर्म और अपमान से उबर नहीं पा रही है. महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने अपने दोस्त से उसका बलात्कार कराया.

महिला के अनुसार उसके पति ने शादी के 25 साल बाद, आठ महीने पहले उसे तलाक दिया था. महिला का पति उसका रिश्ते में भाई (कज़न) भी है. उनके दो बेटे हैं.

महिला के अनुसार उसका पति उससे बार-बार अपने दोस्त के संग शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता था. उसके बार-बार इनकार करने के बाद उसने एक दिन उसे ‘तीन तलाक’ दे दिया.

तलाक के बाद भी वो महिला के संग ही रहता रहा और दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी जारी रहे.

महिला के अनुसार एक दिन उसका पति उसे अपने दोस्त के घर लेकर गया. दोस्त के घर पहुंचने के बाद महिला के पति ने जबरदस्ती उसे कुछ और टैबलेट खिलाए. महिला के अनुसार उसके बाद वो बेहोश हो गई.

अगली सुबह जब उसकी आंख खुली तो उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था और उसके पति का दोस्त उसके बगल में सोया था.

जब महिला ने शोर मचाया तो उसका पति कमरे में आया और उसे धमकी देते हुए चुप रहने को कहा.

जब महिला ने पुलिस में शिकायत करने की बात कही तो उसके पति ने अपने दोस्त के साथ महिला का आपत्तिजनक वीडियो उसे दिखाते हुए चुप रहने को कहा.

हालांकि महिला उसकी धमकियों से नहीं डरी और पुलिस में मामला दर्ज करा दिया.

पिछले कुछ समय से तीन तलाक (एक ही बार में तीन बार तलाक बोलकर तलाक देना) और निकाह-ए-हलाला चर्चा में हैं.

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वो तीन तलाक के महिला अधिकारों के खिलाफ मानती है.

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