शराबबंदी का तुग़लक़ी कानून थोपे जाने के बाद जब एक व्यक्ति ने RTI का प्रयोग किया तो जवाब आया कि आर्मी कैंटोनमेंट के अलावा चर्च में भी शराब की सप्लाई पर छूट दे रखी थी.
जीसस को वाइन और शैम्पेन चढ़ाया जाता है और ईसाईयों की धार्मिक भावना को देखते हुए चर्च में शराब सप्लाई की छूट मिली.
हालांकि यह खबर कभी किसी न्यूज़पेपर या टेली मीडिया में नहीं आई.
वहीं दूसरी ओर हिंदुओं के त्यौहार का मज़ा किरकिरा करने की तैयारी सरकार ने महीनों पहले से ही कर रखी थी पटाखों के स्टॉकिस्ट्स पर बेतहाशा तुग़लक़ी टैक्स थोप कर.
और यह बात भी न ही किसी प्रिंट मीडिया में आई और न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में.
एक धर्म की धार्मिक भावनाओं के सम्मान के लिये लिये कानून में विशेष छूट दी जाती है तो दूसरे धर्म की आस्था, त्यौहार की रौनक धूमिल करने लिये ज़बरदस्ती तुग़लक़ी फरमान थोपा जाता है.
यही है इशरत के अब्बू के सेक्युलरिज़्म की परिभाषा.
– शिवि स्निग्ध