नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में तय सीमा से ज्यादा खर्च और मनपसंद अफसर के ट्रांसफर मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से मामूली राहत मिली है.
दरअसल, चुनाव हारने वाले ओमप्रकाश सोनी ने सिद्धू का निर्वाचन रद्द कर दोबारा चुनाव कराने की मांग की थी.
सिद्धू ने हाई कोर्ट की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. 2011 से सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर रोक लगा रखी थी.
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाते हुए कहा कि 25 लाख की खर्च सीमा पार करने के आरोप में सुनवाई नहीं होगी.
हालांकि, अमृतसर में चुनाव के वक़्त मनचाहे अफसरों को नियुक्त कराने के आरोप में मुकदमा चलेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धू ने हाईकोर्ट के 2010 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ दायर याचिका तथ्यों से परे है.
हाईकोर्ट ने सुनवाई पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगाई थी. इसके बाद 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया था.
उल्लेखनीय है कि सिद्ध के खिलाफ 2009 लोकसभा चुनाव में 25 लाख रुपए से ज्यादा खर्च करने का केस चल रहा है.
सिद्धू ने अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस के ओमप्रकाश सोनी को हराया था. इसके बाद सोनी ने सिद्धू के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया था.
याचिका में दोबारा चुनाव की मांग की गई थी. आरोप था कि सिद्धू ने इलेक्शन के लिए मनपसंद रिटर्निंग अफसर का ट्रांसफर भी कराया.
जानकारों के अनुसार, दोबारा लोकसभा चुनाव (2014) हो जाने की वजह से अब इस मुकदमे का बहुत ज़्यादा व्यवहारिक असर नहीं होगा.