रामदेव पर टिप्पणी मामले में दिग्विजय को ज़मानत, फिर दोहराए आरोप

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हाजीपुर. बिहार के वैशाली जिला की एक अदालत ने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह को योग गुरु रामदेव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जमानत दे दी.

अदालत से ज़मानत मिलाने के बाद दिग्विजय ने कहा, चार साल पहले इंदौर में बाबा पर की गई टिप्पणी पर वे  कायम हैं. बाबा रामदेव आपराधिक चरित्र के व्यक्ति हैं. उनकी और उनके चेले बालकृष्ण की संपत्ति की जांच होनी चाहिए.

त्वरित अदालत के न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार ने इस मामले में दिग्विजय को आज जमानत दे दी.

वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के पोखरा मोहल्ला निवासी और भाजपा के जिला स्तर के नेता अजित कुमार ने वर्ष 2012 में दिग्विजय पर योग गुरु रामदेव और पतंजलि योगपीठ के बालकृष्ण को लेकर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगाया था.

इस मामले में अदालत द्वारा जारी किए गए वारंट का पालन करने के लिए कांग्रेस महासचिव अदालत में उपस्थित थे. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पांच-पांच हजार रुपये के दो मुचलके की शर्त पर उन्हें जमानत दे दी.

अदालत परिसर से बाहर निकलने पर दिग्विजय ने योग गुरु पर अपराधी प्रवृति का होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई उनके लिखाफ जांच कर रही है. सभी मामले खुलासा हो जाएगा.

अजीत कुमार सिंह ने 7 अगस्त 12 को सीजेएम कार्ट में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर मुकदमा किया था.

दिग्विजय सिंह पर आरोप है कि उन्होंने इंदौर की एक सभा में बाबा रामदेव के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा था कि चूंकि बालकृष्ण बाबा रामदेव के सहयोगी है और बाबा रामदेव के सभी राज जानते हैं ऐसे में सीबीआई से बचने के लिए बाबा रामदेव अपने सहयोगी बालकृष्ण की हत्या करवा सकते हैं.

जमानत मिलने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेस ने विश्वविद्यालय और फूड पार्क के निर्माण के लिए रामदेव को जमीन दी. लेकिन इसपर उन्होंने अपना व्यवसाय खड़ा कर लिया.

उन्होंने कहा, यह नियमों के खिलाफ है. केंद्र सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए. जांच में यह भी देखा जाए क्या चैरिटी की राशि से व्यवसाय हो सकता है? क्योंकि बाबा को जो भी पैसा मिला सब चैरिटी के नाम पर मिला.

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