सफाई का मौका दिए बगैर ही हटा दिया, ईमेल के जरिए मिस्त्री ने लगाए गंभीर आरोप

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मुंबई. टाटा उद्योग समूह के चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद साइरस मिस्त्री ने एक विस्फोटक ईमेल के जरिए रतन टाटा के खिलाफ कई आरोप लगाये हैं.

गोपनीय बताए जाने वाले इस ईमेल को खुद सायरस मिस्त्री ने मीडिया को जारी किया. ईमेल में मिस्त्री ने दावा किया की उन्हें सफाई देने का मौका दिए बगैर ‘अवैध और क़ानून के विपरीत’ ढंग से हटाया गया.

मिस्त्री ने कहा है कि कंपनी में उन्हें ‘एक निरीह चेयरमैन’ की स्थिति में ढकेल दिया गया था. उन्होंने कहा कि निर्णय प्रक्रिया में बदलाव से टाटा समूह में कई वैकल्पिक शक्ति केंद्र बन गए थे.

टाटा संस के निदेशक मंडल के सदस्यों को लिखे एक गोपनीय किंतु विस्फोटक ई-मेल में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात रखने का कोई मौका दिए बिना ही भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह के चेयरमैन पद से हटाया गया.

मिस्त्री का कहना है कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई ‘चटपट अंदाज’ में की गयी. उन्हेंने इसे कारपोरेट जगत के इतिहास की अनूठी घटना बताया.

मिस्त्री ने 25 अक्तूबर को लिखे ई-मेल में कहा कि 24 अक्तूबर 2016 को निदेशक मंडल की बैठक में जो कुछ हुआ, वह हतप्रभ करने वाला था और उससे मैं अवाक रह गया.

उन्होंने लिखा, वहां की कार्रवाई के अवैध और कानून के विपरीत होने के बारे में बताने के अलावा, मुझे यह कहना है कि इससे निदेशक मंडल की प्रतिष्ठा में कोई वृद्धि नहीं हुई.

मीडिया को जारी इस ई-मेल में उन्होंने लिखा है कि अपने चेयरमैन को बिना स्पष्टीकरण और स्वयं के बचाव के लिये कोई अवसर दिये बिना चटपट कार्रवाई में हटाना कारपोरेट इतिहास में अनूठा मामला है.

टाटा समूह के पूर्व प्रमुख मिस्त्री ने कहा कि उन्हें दिसंबर 2012 में जब नियुक्त किया गया था, उन्हें काम करने में आजादी देने का वादा किया गया था, लेकिन कंपनी के संविधान में संशोधन तथा टाटा परिवार ट्रस्ट तथा टाटा संस के निदेशक मंडल के बीच संवाद सम्पर्क के नियम बदल दिए गए थे.

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