मिस्त्री को टा-टा करने के बाद रतन का मोदी को खत

नई दिल्ली: एक देश की बुनियाद तभी मजबूत होती है, जब देश की कमान संभालने वाले सर्वोच्च व्यक्ति और देश की तरक्की में हाथ बंटाने वाले कर्मचारियों के बीच काम करने वाले लोग दोनों को सम्मान दें. रतन टाटा का यही सिद्धांत उनको तरक्की की राह पर अग्रसर रखे हुए हैं.

इसी लिए उन्होंने सायरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद अंतरिम चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद सबसे पहला जो काम किया वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने कर्मचारियों को खत लिखने का.
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उन्होंने खत में लिखा है कि ग्रुप की स्थिरता और उसमें भरोसा बढ़ाने के लिए उन्होंने खुद जिम्मेदारी संभाली है.

इस पत्र में टाटा ने कहा कि टाटा संस के निदेशक मंडल ने सोमवार को एक बैठक में सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया गया है.

अब एक नए मैनेजमेंट की व्यवस्था की गई है और टाटा संस के नए चेयरमैन की पहचान करने के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है.

उन्होंने कहा है ‘समिति को इस काम के लिए चार महीने का समय दिया गया है. इस दौरान मैनेजमेंट ने मुझसे कंपनी के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा है और मैं टाटा समूह की स्थिरता एवं उसके प्रति विश्वास को बनाए रखने के लिए यह जिम्मेदारी उठाने को तैयार हूं.’ रतन टाटा इससे पहले 1991 से 2012 तक कंपनी के 21 साल तक चेयरमैन रहे हैं.

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